Friday, June 15, 2007


अलकायदा और ओसामाबिन लादेन ?

दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद के जरिए आतंक मचाने वाले अलकायदा संगठन की स्थापना 1988 में हुई थी। धीरे-धीरे अलकायदा ने मुस्लिम देशों से मदद लेकर अपने संगठन को काफी मजबूत कर लिया। आज कम से कम 60 देशों में अल-कायदा की गतिविधियां जारी है। शुरू में अल-कायदा ने यहूदियों, ईसाइयों के विरूध्द खूनी जंग जारी की, लेकिन बाद में अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई देशों सहित अलकायदा ने दुनिया के सभी गैरमुसलमानों को अपने निशाने पर ले लिया। आज हिन्दू बहुल वाला देश हिन्दुस्तान इसके निशाने पर है। लादेन ने भारत को कई बार सीडियां जारी करके को धमकाया है और उसकी सीडियों को हल्के तौर नही लेना चाहिए। क्योंकि ये इस्लामी आतंकवादी अपने मंसूबों को कामयाब करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। तो फिर हम संक्षिप्त रूप में अलकायदा गतिविधियों और ओसामा के जीवन के बारे में संपूर्ण रूप से जानकारी लेते हैं।
कट्टर इस्लामिक आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का पूरा नाम ओसामा बिन मोहम्मद बिन लादेन अवाद बिन लादेन है। लादेन का जन्म 10 मार्च 1957 को रियाद, सउदी अरबिया में हुआ था। खुद ओसामा ने 1988 में अलजजीरा टीवी चैनल के एक इंटरव्यु में उसने अपना जन्म 10 मार्च, 1957 बताया। उसके पिता मोहम्मद अबाद बिन लादेन धनी व्यापारी थे। लादेन के जन्म के बाद उसकी मां ने उसके पिता से तलाक ले लिया और मुहम्मद अल अता से विवाह कर लिया। ओसामा की शिक्षा-दीक्षा जेद्दा में हुई। वहां उसने इकोनॉमिक और मैनेजमेंट पढ़ा। 1974 में लादेन ने 17 वर्ष की उम्र में अपनी मां के भाई की लड़की नजवा घनीम से विवाह किया। लादेन ने करीब चार औरतों से शादी किया जिसमें एक को तलाक दिया। ओसामा को कुल 12 से 24 बच्चे हैं। उसकी पत्नी नजवा के अनुसार 11 बच्चे बिन लादेन के उसने खुद जने हैं।
ओसामा बिन लादेन की कद-काठी बड़ी लम्बी है। एफबीआई का उसके बारे में कहना है कि वह लम्बा और पतला है। वह 6 फुट 4 ईंच या 6 फुट 6 ईंच का है। यानी लगभग 193 से 198 से.मी. है। लादेन का वजन 165 पाउंड करीब 75 केजी है। वह हमेशा सफेद पगड़ी पहनता है और सउदी लिबास में रहता है।
1991 में लादेन ने सूडान को अपना अड्डा बनाया, सूडान सरकार की मदद से भारी तादाद में प्रशिक्षण शिविर बनाए। लेकिन 1996 में तालिबान के नेतृत्व में लादेन और उसके मददगार सूडान छोड़कर दोबारा अफगानिस्तान आ गए। आज भी अलकायदा के पाकिस्तान में छिपे रूप से आतंकवादी शिविर सक्रिय हैं।
लादेन का अफगान मुजाहिदीनों से गहरा संबंध रहा है। सन् 1979 में जब सोवियत सेनाओं का अफगानिस्तान में पूरी तरह आधिपत्य हो गया था, तब लादेन व उसके सहयोगियों ने अमेरिका के सहयोग से मुस्लिम गुरिल्ला मुजाहिदीनों को अच्छी तरह प्रशिक्षित किया। जिससे सोवियतसंघ के अफगानिस्तान में पैर उखड़ गए। लादेन जिस संगठन का कमांडर इन चीफ था उसका पूरा नाम अल-खदमत अल कायदा था। ओसामा धनी लादेन घराने से संबंध रखता है। इसके संबंध कई इस्लामिक आतंकवादी नेताओं से है। लादेन को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए 25 मीलियन डॉलर का ईनाम अमेरिका ने रखा है, मगर आज तक वह अमेरिका के चंगुल में नही आया।
लादेन अपने जीवन में दो महत्वपूर्ण फतवे जारी कर चुका है। जिसमें पहला 1996 व दूसरा1998 में। लादेन ने 1996 में यह फतवा जारी किया था कि इस दुनिया में गैर मुसलमानो को मार डालना चाहिए। दूसरा यह कि संयुक्त राष्ट्र संघ व उसके सहयोगी देशों को इजरायल से समर्थन वापस ले लेना चाहिए। साथ में यह भी कि इस्लामी देशों में भेजी गई सेना को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वापस बुला लिया जाना चाहिए।

अगर उसके खूनी दास्तान को जाने तो यूएस दूतावास दारे सलाम तंजानिया, नैरोबी व केन्या के बम विस्फोटों में उसको संलिप्त माना गया। आज बिन लादेन अमेरिका का मोस्ट वांटेड क्रीमिनल है। और, अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 की दिल दहला देने वाली घटना के सारे सबूत लादेन की ओर इशारा कर रहे थे। इसके अतिरिक्त बहुत से विमानों के अपहरण में उसका हाथ माना जाता है। न्यूयार्क सिटी न्यूयार्क के वर्ड ट्रेड सेंटर का विनाश व पेंटागन को नुकसान पहुंचाने में उसका हाथ माना गया।

भारत को एक बार नही दर्जनों बार भारी तबाही व बम विस्फोटों के जरिये भारी नुकसान करने की धमकी मिल चुकी है। हॉल के दिनों की कुछ धमकियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी इस प्रकार है: 8 जून, 2007 को अलकायदा ने एक सीडी जारी करके भारत में भारी खून-खराबा करने की धमकी दी। 23 मई, 2007 मुम्बई स्थित जुड़वा वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को बम से उड़ाए जाने की धमकी के बाद भारी सुरक्षा मुहैया कराया गया। 23 सितंबर, 2006 को खुफिया एजेंसी द्वारा जानकारी के बाद भाखड़ा बांध, नरेंद्र मोदी, भाजपा नेता लालकृष्ण आडवानी, अटल बिहारी वाजपेयी, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी की सुरक्षा में भारी वृध्दि की गई। 9 दिसंबर, 2006 को संसद पर हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरू की रिहाई के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा एक विमान को अपहरण करने की धमकी मिली। जिससे एयरपोर्टो पर सुरक्षा बढ़ाई गई।
अभी हॉल में जून के दूसरे सप्ताह में एक सीडी जारी किया गया जिसमें भारत को तबाह करने की धमकी मिली है। इस सीडी की व्यापक जांच चल रही है।
























Saturday, June 9, 2007



राजनैतिक स्वार्थों के चलते नक्सल
आतंकवाद नासूर बनता जा रहा है

राजीव कुमार


नक्सलियों द्वारा विहारी मजदूरों का सामूहिक नरसंहार, रानी बोदली का सामूहिक नरसंहार की याद देशवासियों को भूला भी न था कि तब तक 29 मई 2007 को माओवादी आतंकवादियों ने घात लगाकर छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिसबल के नौ कमांडरों को मार डाला। ये माओवादी हमले को अंजाम देने के पश्चात पुलिस के ढेर सारे असलहों को भी लूटा। सनद रहे कि अब ये माओवादी घात लगाकर हमले में बहुत तेज हो गए हैं। इससे पूर्व ये नक्सली रानीबोदली की घटना को घात लगाकर तब अंजाम दिया था जब पुलिस वाले शराब पीकर गहरी नीद में सो रहे थे। घात-प्रतिघात में तेज ये नक्सली हमले को इतने द्रुत-गति से अंजाम देते हैं कि सामने वाले को संभलने का मौका ही नही मिलता। अब माओवादी आतंकवादियों द्वारा रोज आए दिन एक न एक हत्या को अंजाम देना उनका क्रूरतम शगल बनता जा रहा है।

इस बार के ताजा हमले में राज्य की राजधानी से करीब 400 किमी दूर कुडुर गांव में माओवादियों से लोहा लेने पुलिस बल गए मगर हमले के लिए पहले से ही तैयार बैठे माओवादियों ने इन पुलिस वालों पर करीब 24 बारूदी सुरंगों का विस्फोट किया। साथ में बंदूकों, बमों से हमला कर नौ पुलिसकर्मियों को बर्बरता पूर्वक मार डाला।
आज नासूर बना नक्सलवाद विहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में गहरी जड़े जमा लिया है। आंध्र प्रदेश के तेलांगना क्षेत्र में तो यह समानांत सरकार चलाने का दावा करता है। इसके अतिरिक्त नक्सली अब स्वयं अपनी अदालत लगाकर लोगों को सजाए मौत देने का ऐलान करने लगे हैं। अभी हाल में करीब मई की अंतिम सप्ताह में नक्सलियों ने स्वयं भू अदालत लगाकर पारस गंझू, जारू गंझू, सूकन गंझू और पसला को घर से निकाल कर बुरी तरह से पीटा और बाद में गोलियों से भून डाला। नक्सलियों ने अपनी अदालत में आरोप लगाया कि इन चारों ने अपने समर्थक मुकेश यादव का शव गायब कर दिया, जिसके कारण चारों को मौत की सजा सुनाई जाती है।

आज परिस्थितियां अलग हैं। नक्सलियों ने अपनी रणनीति में भारी बदलाव किया है। 1990 से नक्सलियों ने अपने संगठन को अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित करना शुरू किया था। नक्सली आंदोलन में 2004 में बड़ी तब्दीली तब आई जब दो बड़े संगठन माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर यानी एमसीसी और पीपुल्स वार ग्रुप का आपस में विलय हो गया और एक नए संगठन सीपीआई माओवादी का गठन हुआ और इससे इनकी ताकत में दोगुना इजाफा हो गया। इस विलय के बाद नक्सली वारदातों में भारी वृध्दि दर्ज की गई।

इस समय उल्फा करीब रोज आए दिन एक न एक घटनाओं को अंजाम दे रही है। 1979 से हो रहे खूनी हिंसा के तांडव में दोनों पक्षों के 20 हजार से ज्यादा लोग काल के गाल में समा चुके हैं। और इन गठजोड़ों के बाद नक्सलियों का गठजोड़ अब लिट्टे से भी हो चुका है। ये नक्सली लिट्टे को भारत में छिपने का ठिकाना उपलब्ध करा रहे हैं। इसके बदले में लिट्टे उन्हें खतरनाक भारी तबाही वाले हथियार बनाना सिखा रहा है। अभी हाल ही में राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर लिट्टे के समर्थन में नक्सलियों ने पूरी तरह बंद रखा। यह बंद 21 मई 2007 को सरकारी दमन विरोधी दिवस के तौर पर मनाया और इस दिन आंध्र और उड़ीसा के सीमावर्ती क्षेत्रों में बंद का भी आह्वान किया। नक्सलियों द्वारा बंद के इस आह्वान से लिट्टे-नक्सल गठजोड़ की आशंका की पूरी तरह पुष्टि हो गई।

सरकार को सारे स्वार्थों को दरकिनारा करते हुए आतंकियों को पूरी शक्ति के साथ सफाया करना चाहिए। ये नक्सली गरीबों के एक तपके को बहला-फुसलाकर उनके हांथो में बंदूक थमा देते हैं। सरकार को ऐसे गरीबों के पेट का ख्याल रखना होगा। नही तो वो दिन दूर नही जब नक्सलवाद के कारण पूरा देश धू-धू करके जल उठेगा।

Wednesday, June 6, 2007

भारतीय राजनीति के शिखर पुरूष और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ओजस्वी कवि ओर प्रखर वक्ता है। राजनीति में सक्रिय रहते हुए भी उनके संवेदनशील और हृदयसपर्शी भाव कविताओं के रूप में प्रकट होते रहे। उनकी कविताओं ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई ओर पाठकों द्वारा सराही गईं। उनकी कविताओं में स्वाभिमान, देशानुराग, त्याग, बलिदान, अन्याय के प्रति विद्रोह , आस्था एवं समर्पण का भाव है।