Thursday, May 7, 2015

इन्होंने एक विधवा का जीना दुःश्वार कर दिया है

राजीव कुमार

शासन-प्रशासन ने एक विधवा का जीना दु:श्वार कर दिया है। उर्मिला जायसवाल मौजा खैरूद्दीनगंज (शिवाजी नगर), मकान नं0-15, थाना व कस्बाः मडि़याहूं की रहने वाली एक गरीब विधवा महिला हैं। उर्मिला जायसवाल के पति स्व0 राम दुलार गुप्ता नगर पंचायत मडि़याहूं में ट्युबेल ऑपरेटर के पद पर रहते हुये 23/03/2014 को मृत्यु को प्राप्त हुये। प्रार्थिनी के पति राम दुलार की मृत्यु के बाद उर्मिला जायसवाल को अपनी आजीविका चलाने में बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उर्मिला जायसवाल  अपने पति जो मडि़याहूं नगर पंचायत के अधीन ट्युबेल आपरेटर के पद पर कार्यरत थे, के आकस्मिक मृत्यु से अत्यंत दुःखी हैं व वर्तमान में उसे आजीविका का कोई रास्ता नही है। एतएव यदि उर्मिला जायसवाल को उसके पति के स्थान पर नौकरी दे दी जाती है तो उसे अपनी और अपने पुत्र की आजीविका की समस्या का हल निकल जायेगा।
प्रार्थिनी उर्मिला जायसवाल का एक सौतेला बेटा राकेश कुमार जायसवाल उर्फ ननकू है जो एक खूंखार अपराधी किस्म का नशे का आदी बिगड़ैल किस्म का इंसान है। वह हमेंशा प्रार्थिनी को मानसिक रूप से प्रताडि़त करता रहता है राकेश उर्फ ननकू  प्रार्थिनी को अक्सर गंदे व घिनौने गालियां देकर अपमानित करता रहता है इतना ही नही कई बार वह प्रार्थिनी को जान से मारने की धमकियां दे चुका है।
राकेश कुमार जायसवाल उर्फ ननकू सड़क पर की दुकान अपने पिता से पहले ही ले चुका है जिसकी कुल कीमत 17 लाख थी यहां तक की उस राकेश ने बाप-दादा की पुश्तैनी जमीन पहले ही हथिया चुका है अब वह प्रार्थिनी के मकान व अपने पिता के मृत्यु के बाद उनकी नौकरी को हड़पना चाहता है, जिसके लिये वह अनेकों षडयंत्र कर रहा है, उसने कई अधिकारियों को पैसा खिलाकर अपने तरफ कर लिया है पुलिस में शिकायत करने के बाद भी पुलिस कोई कार्यवाही नही कर रही है। 20/11/2014 को राकेश उर्फ ननकू उर्मिला जायसवाल को मारने के लिये घर का दरवाजा तोड़ रहा था  जिसकी उन्होने 21/11/2014  को जौनपुर पुलिस अधीक्षक को शिकायत भी की, 28/11/2014 को तहसील में सी00 ने उन्हें बुलाया की उनसे पूछताछ की जायेगी मगर वे सादे कागज पर विधवा को डरा धमकाकर हस्ताक्षर करवा लिये जो यह साबित करता है कि शासन-प्रशासन रिश्वत के दबाव में ननकू से मिला हुआ है। प्रार्थिनी ने कई बार पुलिस प्रशासन से शिकायतें की मगर मडि़याहूं के रिश्वतखोर पुलिस के आगे प्रार्थिनी बेबश और लाचार हो जाती है।

अपने पति राम दुलार गुप्त की मृत्यु के बाद से प्रार्थिनी उर्मिला दर-दर की ठोकरें खा रही है लेकिन बड़े दुःख की बात है कि उसके पति के विभाग में  काम करने वाले कुछ अधिकारी प्रार्थिनी के बेबसी और लाचारी का भरपूर लाभ उठाना चाहते हैं वे प्रार्थिनी के इस दुःखद घड़ी में उसके उसके मृतक पति के नौकरी के बदले में लाखों रूपये ऐंठ लेना चाहते हैं। ऐसे ही यहां एक नाम का खुलासा किया जा रहा है जिसे सुनकर आप चैंक जायेंगे।
नगर पंचायत मडि़याहूं, जौनपुर, उप्र में बड़े बाबू राधेश्याम श्रीवास्तव हेड क्लर्क के रूप में कार्यरत है। वह काफी समय से प्रार्थिनी के सौतेले बेटे राकेश उर्फ ननकू से मिला है और वह उसी के प्रभाव में काम कर रहा है। यह राधेश्याम श्रीवास्तव स्व0 राम दुलार की पत्नी उर्मिला जायसवाल के नौकरी पाने, फण्ड, पेंशन आदि में हर तरह से तमाम तरह के रोड़े अटका रहा है।
उर्मिला जायसवाल के पति राम दुलार गुप्ता जब नगर पंचायत मडि़याहूं, जौनपुर के अधीन अपने पद पर कार्यरत थे तो एक दिन अचानक बहुत दुःखी होकर उन्होने अपनइ पत्नी उर्मिला जायवाल से कहा था कि बड़े बाबू राधेश्याम श्रीवास्तव (हेड क्लर्क)  फण्ड, बीमा, पेंशन आदि का कागजी कार्यवाही करने के लिये कुल 25000/ की राशि रिश्वत के तौर पर मांग रहा है। उर्मिला के मुताबिक यह मांमला करीब डेढ़-दो साल पूर्व का है।
इतना ही नही प्रार्थिनी अपने पति के मृत्यु के बाद बड़े बाबू राधेश्याम श्रीवास्तव (हेड क्लर्क) से मिली तो उन्होने कहा कि तुम्हारे पति स्व0 रामदुलार ने मुझसे पचीस-पचीस हजार रूपये व कुल एक लाख रूपये चार किश्तों में लिये थे अगर तुम हमें चारों किश्त यानी एक लाख रूपये वापस कर दोगी तो हम तुम्हारा सारा काम: नौकरी, फण्ड, पेंशन आदि अविलंब कर दूंगा लेकिन उर्मिला जायसवाल के मुताबिक उनके पति कभी किसी से उधार लिये ही नही थे यदि लिये होते तो वे हमें अवश्य बताते।
विधवा उर्मिला जायसवाल के स्व0 पति रामदुलार गुप्त ने ट्युबेल ऑपरेटर पद रहते हुये सर्विस बुक में नामिनी के रूप में नाम दर्ज करने के लिये  टाइप राइटर से टाइप करवाकर अपनी बेटी सरिता व पत्नी उर्मिला जायसवाल का नाम हेड क्लर्क राधेश्याम श्रीवास्तव को दिया था मगर उस हेड क्लर्क ने गंदी नियत से गड़बड़ घोटाले करने के लिये उपरोक्त नाम सर्विस बुक में उस दौरान दर्ज नही किये।
उर्मिला जायसवाल का आरोप है कि उपरोक्त विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा जानबूझकर यह दबाव बनाया जा रहा है कि  उर्मिला जायसवाल अपने स्व0 पति की नौकरी न करें वो उस नौकरी को अपने सौतेले बेटे को सुपुर्द कर दें।
उर्मिला के मुताबिक उसके स्व0 पति रामदुलार का उनके नगर पंचायत विभाग द्वारा करीब 4 लाख का बीमा कराया गया था लेकिन उसका कोई बॉण्ड नही दिया गया ।
बड़े बाबू राधेश्याम श्रीवास्तव (हेड क्लर्क) ने विधवा उर्मिला को अपमानित करने में कोई कोर-कसर नही छोड़ी है। कई बार उसने प्रार्थिनी को अपशब्द बोले, गंदी-गंदी गालियां दी। यह राधेश्याम विधवा के पारिवारिक मामले जमीन-जायदाद में भी शुरू से ही हस्तक्षेप करता था, यह हेड क्लर्क श्रीवास्तव उर्मिला के सौतेले बेटे राकेश कुमार जायसवाल उर्फ ननकू से पैसे के लालच में मिला है। इसने कई बार प्रार्थिनी को रंडी-वैश्या, बदमाश जैसे गंदे शब्दों से प्रार्थिनी को अपमानित किया है लेकिन प्रार्थिनी उसके गंदे-घिनौने गालियों को चुपचाप सहती रही लेकिन इस भ्रष्ट राधेश्याम के अत्याचारों को सहते-सहते प्रार्थिनी के सब्र का बांध टूट गया है इतना ही नही यह हेड क्लर्क प्रार्थिनी के सौतेले बेटे राकेश उर्फ ननकू से जा मिला है, यह उसके साथ मिलकर प्रार्थिनी उर्मिला की हत्या तक करवा सकता है।
यह बड़े बाबू राधेश्याम श्रीवास्तव, उर्मिला का सौतेला पुत्र ननकू व अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रार्थिनी के बारे में यह अफवाह मचा रहे हैं कि प्रार्थिनी उर्मिला जायसवाल स्व0 रामदुलार गुप्ता की पत्नी नही थी मगर विधवा उर्मिला के पास ऐसे ढेर सारे प्रमाण हैं जिससे यह प्रमाणित होता है कि प्रार्थिनी उर्मिला स्व0 रामदुलार की पत्नी है मगर नगर पंचायत मडि़याहूं, जौनपुर, उप्र में कार्यरत राधेश्याम श्रीवास्तव (हेड क्लर्क) जैसे भ्रष्ट अधिकारी जानबूझकर एक गरीब, लाचार और वेबस विधवा को परेशान कर रखा है वे जानबूझकर ऐसे-ऐसे प्रमाण मांग रहे है जिससे प्रार्थिनी उसीमें उलझकर अपना जीवन गंवा दे।
     प्रार्थिनी उर्मिला जायसवाल का स्व0 रामदुलार गुप्त की पत्नी होने का प्रथम प्रमाण एलआई बीमा है जो उसके पति ने कराया था जिसमें उर्मिला देवी उनकी पत्नी नामिनी के रूप में थी यह बीमा पालिसी संख्या: 2880 34610 है। (बीमा पालिसी की रसीद की छाया प्रति संलग्न)।
     दूसरा प्रमाण राशन कार्ड है जिसमें प्रार्थिनी उर्मिला जायसवाल मुखिया स्व0 रामदुलार गुप्त की पत्नी के रूप में है। (राशन कार्ड की छाया प्रति संलग्न)।
     तीसरा प्रमाण भारत निर्वाचन आयोग का पहचान पत्र है जिसमें प्रार्थिनी उर्मिला के पति स्व0 रामदुलार हैं। (पहचान पत्र की छाया प्रति संलग्न)।
     चैथा प्रमाण गोमती ग्रॉमीण बैंक का खाता जिसमें प्रार्थिनी उर्मिला के पति रामदुलार हैं। (बैंक पास-बुक की छाया प्रति संलग्न)।
     पांचवा प्रमाण स्व0 रामदुलार गुप्त के साथ प्रार्थिनी उर्मिला द्वारा पूजा-अर्चना के समय की तस्वीर (फोटो संलग्न) जिसमें प्रार्थिनी की बेटी सरिता भी मौजूद है।
      छठां सबसे बड़ा प्रमाण मरने से पूर्व रामदुलार गुप्त का वसीयतनामा (वसीयतनामा की छाया प्रति संलग्न) जिसमें उन्होने मैं सोच-समझकर पूरे होश-हवाश में लिखा है कि उनकी दूसरी पत्नी उर्मिला जायसवाल उनके मरने के बाद मालिक होंगी इस वसीयतनामा में स्व0 रामदुलार ने अपना घर, पेंशन, फण्ड, बैंकों में जमा धन राशि की मालिक उर्मिला जायसवाल को बनाया है। इस वसीयतनामा में आगे लिखा है कि रामदुलार की पहली पत्नी शकुंतला देवी के लड़कों से हमारी संपत्ति से कोई सरोकार नही रहेगा, यह वसीयतनामा 29/03/2010 को लिखी गई थी।
इतने सारे प्रमाण देने के बावजूद क्या अब भी उर्मिला जायसवाल को अपने स्व0 पति के स्थान पर नौकरी पाने के लिये और भी प्रमाण देने की आवश्यकता है। इन भ्रष्ट व रिश्वतखोर अधिकारियों के गठजोड़ देखिये कि जब नगर पंचायत मडि़याहूं कार्यालय ने स्व0 रामदुलार की पत्नी होने के लिये प्रार्थिनी उर्मिला से निकट संबंधी प्रमाण पत्र मांगा तो मडि़याहूं के कानून गो ने 500 रूपये का सुविधा शुल्क लेने के बावजूद निकट संबंधी प्रमाण पत्र नही बना के दिया बल्कि प्रार्थिनी के सौतेले पुत्र राकेश जायसवाल उर्फ ननकू की पैरवी किया जब दिल्ली के कुछ पत्रकार उस भ्रष्ट कानून गो से प्रश्न पर प्रश्न किये तब जाकर विधवा का निकट संबंधी प्रमाण पत्र बना।
विधवा  उर्मिला जायसवाल को उनके स्व0 पति रामदुलार गुप्त के स्थान पर उन्हें तुरंत नौकरी क्यों नही दिया जा रहा है इस दौरान वो अपनी आजीविका के लिये क्या करे ? शासन-प्रशासन को उनके साथ हो रहे अन्याय को रोकना चाहिये जिससे वे समाज में सही तरह से गुजर-बसर कर सकें।

इन्होंने एक विधवा का जीना दुःश्वार कर दिया है
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Thursday, April 16, 2015

राष्‍ट्रवादी होना अपने आप में एक गुनाह, पानी के एक-एक बूंद के लिये एनडीएमसी तड़पा रहा है

     गोल मार्केट, नई दिल्‍ली। आज राष्‍ट्रवादी होना अपने आप में एक गुनाह हो गया है। एक ओर जहां ईमाम बुखारी के जामा मस्जिद का 4 करोड़ 16 लाख का बिल बकाया होने के बावजूद किसी बिजली कम्‍पनी की हिम्‍मत नही है कि उनकी बिजली को काट सके, शाही इमाम के गुर्गे जामा मस्जिद के पार्किंग एवं मार्केट से लाखों रूपया वसूल रहे हैं मगर केन्‍द्र व राज्‍य सरकार की हिम्‍मत नही है कि शाही ईमाम पर कोई कार्यवाही कर सके। वहीं गोल मार्केट के पेशवा रोड पर स्थित महेश्‍वर आश्रम के पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र का  एक  महीने से  जल आपूर्ति के पाइप लाइन को 77720/- (सतहत्‍तर हजार सात सौ बीस)  रूपये बिल  भरने के बाद भी  एनडीएमसी के द्वारा बाधित कर दिया गया है।  आश्रम में रहने वाले पं0 बाबा नंद किशोर  मिश्रा व उनके भक्‍तों का पानी के अभाव में जीना दु:श्‍वार हो गया है। महेश्‍वर आश्रम के पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र ने 13/01/2014 को नई दिल्‍ली नगर पालिका के अध्‍यक्ष  जलज श्रीवास्‍तव से अपनी समस्‍याएं  लिखित रूप  से अवगत कराया था मानवीय मूल्‍यों के आधार  पर निवेदन किया था एवं सहायता मांगी थी और जलज श्रीवास्‍तव ने आश्‍वासन भी दिया था परन्‍तु उस निवेदन को उनके द्वारा ठंढे बस्‍ते में डाल दिया गया । ज्ञात रहे कि महेश्वर आश्रम एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। आश्रम का संबंध विदेश व देश के सभी प्रदेशों से है। आश्रम जन कल्याण के कार्यों में निरंतर लगा हुआ है। आश्रम राष्ट्रवादी, हिन्दुत्ववादी चिंतकों के आस्था का केन्द्र है। दिल्ली के प्रत्येक क्षेत्र से आश्रम में लोग आते हैं व आश्रम के सामाजिक, आध्यात्मिक गतिविधियों से जुड़े हुये हैं। पानी आपूर्ति बाधित होने के कारण मंदिर व आश्रम की धार्मिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हैं।

      उपरोक्‍त विषय पर पं0  बाबा नंद  किशोर मिश्रा ने 20/03/2015 को सायं पांच बजकर 20 मिनट पर इस विषय के समाधान हेतु निवेदन किये थे किन्तु उस दिन जलज श्रीवास्‍तव समिति के बैठक में व्यस्त थे इसलिये साक्षात्कार नही हो सका।  11 मार्च, 2015 को निदेशक वाणिज्य मैडम गीतिका शर्मा जी को दूरभाष द्वारा आश्रम की समस्या से अवगत कराया था। 13 मार्च, 2015 को पुनः आश्रम की अपनी कठिनाइयों व भारी परेशानियों से अवगत कराया था। माननीय गीतिका शर्मा जी ने तत्काल एक नोट के माध्यम से अधीक्षण अभियंता, जल को निर्देशित भी किया।

   सनद रहे कि पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र व उनके  परिवार की जीविका व भरण-पोषण आकाश वृत्ति के माध्यम से चलती है। वे एक सामाजिक एवं हिन्दू राष्ट्रवादी राजनैतिक कार्यकर्ता है। एक तरफ जहां  सरकार व सरकार के अधीनस्थ  द्वारा ‘‘बेटी बढ़ाओ, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। वहीं एनडीएमसी के कठोर मानवता विहीन रवैये  के कारण श्री मिश्र के परिवार व तीनों बच्चियों के साथ अन्‍याय हो रहा है निश्चित ही एनडीएमसी के कठोर व बर्बर रवैये के कारण उन बच्चियों के स्‍वास्‍थ्‍य व भविष्‍य पर प्रभाव पड़ेगा।  पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र मातृविहीन तीन बच्चियों का पालन-पोषण कर रहे हैं उनके पालन-पोषण में अतिव्यस्तता के कारण बाबा किशोर  और उनका  परिवार सिर्फ एक समय ही भोजन कर पाते हैं। जिन तीन डेढ़ साल की बच्चियों का बाबा पं0 मिश्र लालन-पालन कर रहे हैं उनमें  बेबी नं0 1 आद्या का जन्म से आठ महीने के बाद हृदय बढ़ गया जिसका ईलाज चल रहा हैं वहीं बेबी नं0 3 अनंता का जन्म से ही हृदय में छेद था लेकिन ईलाज व दिन-रात अथक परिश्रम से वह स्वस्थ हो गई। इन बच्चियों की बीमारी में भी बहुत खर्च आ रहा है परिणामस्वरूप बाबा की आर्थिक स्थिति बहुत ही जर्जर हो गई है जिस कारण बाबा पं0 मिश्र ने दिल्ली नगर पालिका से पानी और बिजली के बिल को माफ करने को कहा था जिसमें बाबा ने करीब 77720/- रूपये देने के बावजूद भी नगर पालिका द्वारा सारी जानकारी होने के बावजूद भी जल आपूर्ति पूरी तरह से बाधित कर दिया व जलज श्रीवास्‍तव ने माफी का वायदा करके वायदे से मुकर गये।

     ज्ञात हो कि पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र एक वरिष्ठ नागरिक है और उपरोक्त तीनों बच्चियों की माँ नही हैं व बच्चियों का पिता पत्‍नी के निधन से दु:खी हो मानसिक रूप से जर्जर हो गया है।  श्री मिश्र ने बिजली एवं पानी का बिल माफ करने का निवेदन किया था तत्पश्चात् इस संदर्भ में  जलज श्रीवास्‍तव  15/1/2014 को निदेशक वाणिज्य विभाग को निर्देशित किया था और बाबा पं0 नंद किशोर मिश्र  को आश्वासन दिया था कि उन्‍हें सहयोग मिलेगा लेकिन अभी तक किसी प्रकार सहयोग प्राप्त नही हुआ है। दिनांक 9/3/2015 को नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के वाणिज्य विभाग द्वारा एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें श्री मिश्र  को निर्देशित किया गया कि पानी, बिजली के बिल का अधिभार का बकाया माफ नही किया जायेगा क्योंकि समझौता समिति इस समय अस्तित्व में नही है।

     इसके बाद दिनांक 24/3/2015 को महेश्‍वर आश्रम को  एक लेखा-जोखा जिसमें अनुमानतः 01 लाख, 72 हजार, पांच सौ, पन्द्रह रूपये है, प्राप्त हुआ है जिसमें जलज श्रीवास्‍तव का दबाव है कि बिल अतिशीघ्र दिया जाये।  ज्ञात रहे  कि 1990 से महेश्वर आश्रम में पानी-सीवर की व्यवस्था है व आश्रम में 1978 से बिजली का टेम्प्रोरी कनेक्शन व 1980 से नियमित है जिसमें आश्रम ने 77720/- बिजली के बिल राशि दिया जा चुका है  जिसकी छाया प्रति एनडीएमसी को दी जा चुकी है।

     बाबा पं0 नंद किशोर मिश्र ने जल की आपातकालीन संकट के निवारण हेतु तत्काल पाइप लाइन बदलने एवं नई दिल्ली नगर पालिका के कोष से व्यवस्था कराने के संदर्भ में व मातृविहीन बच्चियों के संरक्षण हेतु कई बार एनडीएमसी के जलज श्रीवास्‍तव से गुहार लगाई लेकिन लेकिन वे माफी की बात करके भी मानवता को शर्मसार करने वाले कृत्‍य किये।

     पानी आपूर्ति बाधित होने के कारण आश्रम के भक्तों  में जनाक्रोश पैदा हो रहा है जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। नवरात्र के  समय धार्मिक कार्य पूर्ण रूपेण बाधित हुआ जिसकी शिकायत करने  के बावजूद एनडीएमसी के कान पर जूं तक नही रेंगा। उपरोक्त विषय-वस्तु का समाधान शीघ्र नही हुआ, इस विषय में आश्रम के भक्तगणों को जानकारी होने पर जनाक्रोश फैलेगा उसका जिम्मेदार स्वतः प्रशासन ही होगा। क्‍योंकि एनडीएमसी का पक्षपातपूर्ण रवैया मानवता को शर्मसार कर देने वाला है। आज इस तरह की समस्‍या  किसी मस्जिद के ईमाम या मौलवी की होती तो शासन-प्रशासन पलक-पांवड़े बिछा देता यदि बात जेहादी आतंकियों की होती तो राज्‍य सरकार, केन्‍द्र सरकार उन्‍हें लाखों की बिरयानी खिलाने में गंवा देती मगर जब बात यहां हिन्‍दुत्‍ववादी राष्‍ट्रवादी की है उसकी दुर्दशा होनी ही है क्‍योंकि इस देश में हिन्‍दुत्‍वादी, राष्‍ट्रवादी होना सबसे बड़ा  अपराध है।

राष्‍ट्रवादी होना अपने आप में एक गुनाह, पानी के एक-एक बूंद के लिये एनडीएमसी तड़पा रहा है

http://teznews.com/ndmc-is-craved-for-water/


पानी के एक-एक बूंद के लिये एनडीएमसी तड़पा रहा है

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राष्‍ट्रवादी होना अपने आप में एक गुनाह, पानी के एक-एक बूंद के लिये एनडीएमसी तड़पा रहा है

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राष्‍ट्रवादी होना अपने आप में एक गुनाह, पानी के एक-एक बूंद के लिये एनडीएमसी तड़पा रहा है



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पानी के एक-एक बूंद के लिये एनडीएमसी तड़पा रहा है

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राष्‍ट्रवादी होना अपने आप में एक गुनाह, पानी के एक-एक बूंद के लिये एनडीएमसी तड़पा रहा है

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Friday, March 13, 2015

भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध पुन: प्रधानमंत्री से शिकायत

उत्तम नगर, 13 मार्च, 2015, नई दिल्ली। उत्तम नगर के भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध  श्रीरामाधार फाउण्डेशन एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने पुन: विगत दिनों प्रधानमंत्री से पत्र लिखकर शिकायत की है कि इस भ्रष्‍ट डॉकिये को बर्खास्‍त किया जाये ताकि उत्‍तम नगर की जनता राहत महसूस कर सके। श्रीरामाधार फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी का कहना है कि  उत्तम नगर के डाकिये के भ्रष्टाचार व निकम्मेपन के कारण वहां के बहुत सारे निवासियों को उनका राशनकार्ड उन्हें नही मिल पा रहा है। सुमन सीकरवाल आर-जेड 34, मानसकुंज, उत्तम नगर दिल्ली-59, राखी पति त्रिलोक, सी-48, संजय इंक्लेव, उत्तम नगर, नई दिल्ली-110059, सुमन सी-48, संजय इंक्लेव, उत्तम नगर, नई दिल्ली-110059, आरती मिश्र-सी/1-38, संजय इंक्लेव, नई दिल्ली-59 ने अक्टूबर, 2013 के करीब  राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा उपभोक्ता कार्ड हेतु विकासपुरी कार्यालय में आवेदन प्रपत्र जमा किया था लेकिन इनके राशन कार्ड अभी तक नही मिले। ये उपरोक्त नाम सिर्फ नाम के हैं ऐसे बहुत से हजारों नाम हैं जो राशनकार्ड कार्यालय में धक्के खा रहे हैं और वहां पूछे जाने पर कि राशन कार्ड क्यों नही मिला तो वहां के अधिकारियों का टका सा जवाब रहता है कि आपका राशन कार्ड डाक द्वारा भेज दिया गया है इसमें हम अब कुछ नही कर सकते। समाजसेवी रविन्द्र कुमार द्विवेदी का कहना है कि उत्तम नगर के निवासियों को आज 013 मार्च, 2015 हो गया है लेकिन अभी तक उपरोक्त नामों में से किसी का राशनकार्ड नही मिला। ऐसे कई हजारों नाम बेनाम है जिनको अभी तक राशनकार्ड न मिलने के कारण अपने राशन अधिकारों से वंचित हैं। 

वहीं उत्तम नगर की निवासी शिल्पी जायसवाल का कहना है कि उत्तम नगर का डाकिया बहुत ही भ्रष्ट किस्म का व्यक्ति है वो सौ-दो सौ रूपये के लालच में लोगों को राशन कार्ड जानबूझकर नही देता है। कोई व्यक्ति यदि नये गैस सिलेण्डर जारी करवाता है तो उसके कागजात ये डाकिया जानबूझकर नही देता है ताकि उससे कुछ पैसे वसूले जायें इसी तरह वह लोगों के राशन कार्ड नही दे रहा है ताकि लोगों से पैसे ऐठें जा सके। शिल्पी जायसवाल ने आगे बताया कि बहुत ऊपर शिकायत करने पर 5 मार्च को उनका राशन कार्ड उन्हें मिला। उनका कहना है कि सिर्फ राशन कार्ड ही नही और भी उनके कई पत्र अनेकों बार आये हैं मगर यह डाकिया हमारे यहां शायद ही कोई पत्र लाया हो।

श्रीरामाधार फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत कर यह मांग की है कि पूरे उत्तम नगर विधानसभा में कितने लोगों के राशन कार्ड इस डाकिये के द्वारा नही मिले हैं इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाये व दोषी पाये जाने पर इस भ्रष्ट डाकिये को बर्खास्त किया जाये ताकि वहां की जनता राहत की सांस ले सके। 

इतना ही नही रविन्‍द्र द्विवेदी ने  द्विवेदी ने आगे उस पत्र में लिखा है कि  डाक विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के मिली भगत से ही इस भ्रष्ट डाकिये का हौसला बुलंद है। इसलिय वे पुनः मांग करते हैं कि एक उच्च स्तरीय जांच करवाई जाये कि उत्तम नगर विधान सभा के कुल कितने लोगों का राशन कार्ड नही मिला है और क्यों नही मिला है उसमें इस भ्रष्ट डाकिये की क्या भूमिका है मुकम्मल जांच हो और इस भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही किया जाये और भविष्य में अन्य डाकियों के लिये एक मिशाल कायम हो सके वे कोई भी गलत कार्य करने से बचें।


भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध पुन: प्रधानमंत्री से शिकायत

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भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध पुन: प्रधानमंत्री से शिकायत

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भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से शिकायत
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भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से शिकायत

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भ्रष्ट डाकिये के विरूद्ध राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से शिकायत


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