राजीव कुमार
इराक
में यजीदियों के अस्तित्व पर घोर संकट मौजूदा समय में आ गया है। यजीदियों के उपर
भारी दबाव है कि वे या तो इस्लाम अपना लें या मरने के लिये तैयार हो जायें। यजीदी
अपने धर्म के बहुत पक्के होते हैं वे मरना पसंद कर रहे हैं लेकिन इस्लाम कबूल
करना नहीं। करीब दो सौ साल पहले यजीदियों की संख्या 20 लाख थी उस हिसाब से आज
यजीदियों की संख्या करीब दो करोड़ होनी
चाहिये मगर आज वे सिर्फ सात लाख बचे हैं। उन्हें या तो जबरन डरा-धमकाकर इस्लाम
कबूल करवा दिया गया या उनका नरसंहार कर दिया गया। आज भी ये यजीदी इस्लामिक
आतंकवादी संगठन आइएसआइएस के डर से सिंजर के पहाडि़यों में शरण लिये हैं वहीं कितने
यजीदी बच्चों का भूख-प्यास से तड़प-तड़प
कर मौत हो गई। आज यजीदियों के लिये कोई रोने वाला नही है। आज ये यजीदी मुसलमान
होते तो भारत की मीडिया रातों रात उनके लिये अपनी पलके बिछा देती मगर बहुत दु:ख की
बात है कि उनके लिये कोई रोने वाला नही है।
आइएसआइएस
के मुस्लिम आतंकवादी इस्लाम के नाम पर जो ताण्डव मचाये हैं उसे आज पूरा विश्व
देख रहा है। हजारों यजीदी महिलाओं का इन आतंकियों ने अपहरण कर लिया है उन्हें
गुलाम बनाकर बाजारों में बेंचा जा रहा है। इस्लामिक आइएसआइएस के आतंकवादी यजीदी
महिलाओं के साथ बलात्कार भी कर रहे हैं। छोटी-छोटी मात्र तीन-तीन साल की यजीदियों
के बच्चियों को आइएसआइएस के आतंकवादी ऐसे इंजेक्शन लगा रहे है ताकि उनके हारमोंस
में परिवर्तन आ जाये जिससे वे मात्र 6 वर्ष में ही जवान और खूबसूरत दिखने लगे ताकि
उन्हें गुलामों की तरह मानव देह के मण्डियों में बेंचा जा सके या मुस्लिम
आतंकियों के सामने परोसा जा सके। लाइव वैल्युस फाउंडेश डॉ0 संतोष राय की मदद से
उपरोक्त इंजेक्शन के एंटी डोज खोज रही है ताकि उन अबोध बच्चियों को बचाया जा
सके।
लाइव
वैल्युस फाउण्डेशन एनजीओ के तत्वाधान में कुछ यजीदी छात्र एक प्रेस कांफ्रेंस
के माध्यम से बताया कि इराक में यजीदियों
के अस्तित्व पर घोर संकट आ गया है। ऐसे में भारत सरकार को उनके अस्तित्व की
रक्षा के लिये मदद करनी चाहिये। भारत एक मानवातावादी देश रहा है। यहां हर धर्म के
लोग रहते हैं। जब-जब मानवता पर संकट आया तो भारत मानवता की रक्षा में सबसे आगे
रहा। ऐसे में यजीदियों को भारत में शरण मिलनी चाहिये इतना ही नही ये यजीदी प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी से मिलकर अपने दर्द को बताना चाहते हैं वे मोदी जी से भारत में शरण
पाने की उम्मीद रखते हैं। लाइव वैल्युस फाउंडेशन एनजीओ के राष्ट्रीय अध्यक्ष
सरदार रविरंजन सिंह ने बताया कि यजीदी शब्द ईशीदी से बना है। ईशीदी का तात्पर्य
जो ईश्वर को मानता है। ये यजीदी भारतवासी ही हैं वहां इराक जाकर बस गये। जिस तरह हिन्दुओं
के मंदिर गुंबदाकार होते हैं उसी तरह
गुंबदाकार मंदिर यजीदियों के भी होते हैं। हिन्दुओं और यजीदियों की पूजा पद्धति
में काफी समानता है। ज्ञात रहे कि दिल्ली में मानवतावादी एनजीओ लाइव वैल्युज फाउंडेशन यजीदियों के
अस्तित्व की रक्षा का वीणा उठा लिया है यह फाउंडेशन यजीदियों के अस्तित्व को बचाने के लिये काफी
तत्पर दिख रही है इस फाउण्डेशन के मंच
से रिटायर्ड आईपीएस आर0 के0 ओहरी ने पत्रकारों
से आह्वान किया है कि वे यजीदियों को बचाने के लिये आगे आये। उन्होने आगे बताया
कि यजीदियों को इस संकट से बचाना मानवता का महान् कार्य है पत्रकारों के मानव
मात्र के हित को देखकर आगे आना चाहिये। इस्लामिक आतंकवाद से आज इराक ही नही बल्कि
पूरा विश्व इसके चपेट में हैं। वो दिन दूर नही ये आतंकवादी जो इराक में ताण्डव
मचाया है वो ताण्डव वे भारत में भी मचाना चाहते है जिसकी शुरूआत कश्मीर, केरल और पश्चिम बंगाल से हो चुकी है।
(चित्र में यजीदी छात्र अपने चेहरे को छिपाये हुये
व लाइव वैल्युस फाउण्डेशनक के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार रविरंजन सिंह)
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