Friday, March 18, 2016

यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया


बरसठी/मडि़याहूँ, 0प्र0 ।  प्रार्थिनी राजकुमारी देवी प/ति श्री डॉ0 रमाकांत गुप्ता ग्रॉम/पोस्ट परियत, थाना/क्षेत्र बरसठी, तहसील -मडि़याहूँ, जिला- जौनपुर, उत्तर प्रदेश, दिनांक--5/03/2016 ऑनलाइन एक पत्र माननीय मुख्‍यमंत्री उत्‍तर प्रदेश के नाम से  थाना बरसठी  के बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका मोबाइल नंबर: 07388791887 है, के विरूद्ध दिया था जिसके बाद तहसील मडि़याहूँ के सीओ के किसी अधिकारी का श्रीमती राजकुमारी देवी के  मोबाइल पर  फोन आया कि आपका बयान लेना है तत्पश्चात राजकुमारी देवी  14/03/2016 को अपना बयान दर्ज कराने गई लेकिन वहाँ पर सीओ साहब के कोई अन्य अधिकारी थे जिन्होंने अपने हाथ से बयान लिखा लेकिन बयान में मुख्य बातें यह कि जो उनके पति से उपरोक्त भ्रष्‍ट अधिकारी बनारसी लाल ने अभद्रता, अपशब्द व अशिष्टता से बात किया वो नहीं लिखा और उसके अभद्रता के बाद उनके  पति का स्वास्थ्य खराब हो गया, ये भी नहीं लिखा गया।
वहां  सीओ कार्यालय में वहाँ के अधिकारी स्वयं बयान लिखकर व रिटायर्ड प्रिंसिपल रह चुके श्रीमती राजकुमारी देवी पर  दबाव बनाकर हस्ताक्षर करा लिये और कहा कि थाने जाकर समझौता कर लेना।
पुन: उन्‍होंने आगे मुख्‍यमंत्री को कराए गए ऑनलाइन ईमेल में लिखा है कि   सीओ कार्यालय में दिये गये बयान की कॉपी में उनके द्वारा किया गया हस्ताक्षर मान्य नहीं होगा। इसलिए उनके  द्वारा आपको दिया गया पत्र ही उनका पूरा  बयान है जिसे मैं पुनः संलग्‍न कर ईमेल किया गया है, उन्‍हें  पूरा विश्वास है कि मुख्‍यमंत्री उनके साथ पूरा न्याय करेंगे।
आगे उस पत्र में राजकुमारी देवी ने लिखा है कि उनकी उम्र करीब 70 साल हो गई है, अतः जिस अधिकारी को बयान लेना हो वो हमारे घर आ सकता है , अधिक उम्र व गठिया रोग के कारण पति-पत्नी अधिक नहीं चल सकते व पति के सीने में अक्सर दर्द रहता है। पुलिस जनसेवक होती है वो कोई भी बयान लेने हमारे घर फोन करके आ सकती है ।
ज्ञात रहे कि हिन्‍दू महासभा की नेता रीता राय ने जौनपुर के एस0पी0 को फोन करके सारे घटना की पूरी जानकारी दिया था । तत्‍पश्‍चात एसपी जौनपुर नें मडि़याहूँ के  सी0 ओ0 को फोन करके घटना की पूरी रिपोर्ट माँगी थी मगर सी0ओ0 मडि़याहूँ  ने कोई विशेष दिलचस्‍पी नही दिखाया बल्कि उनके कार्यालय के अधिकारी आरोपी पुलिस अधिकारी बरसठी के बनारसी लाल को पूरी तरह बचाने में जुट गए और बोले कि जाकर बरसठी थाने में समझौता कर लेना इससे ये साबित हो गया पुलिस का असली चेहरा क्‍या होता है, जब पुलिस समाज के वरिष्‍ठजनों के साथ जब ऐसा कर रही है तो और आम लोगों के साथ क्‍या करती होगी । वैसे बरसठी पुलिस थाने में यातना देनें के लिए कुख्‍यात  है । सन् 1982 के आस-पास बरसठी पुलिस नें एक दलित मुसहर को थाने में यातना देकर मार डाला था ।

वरिष्‍ठ जनों के उत्‍पीड़न का पूरा मामला  इस प्रकार था
सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है
जौनुपर, बरसठी की पुलिस मामले की पूरी लीपा-पोती में जुटी

सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामला उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुरब्लॉक बरसठी, थाना बरसठी के अंतर्गत है । मालूम रहे कि बरसठी थाने का  बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका सीएनओ नंबर 77217126  व  मोबाइल नंबर: 07388791887 है, जो अत्यंत भ्रष्ट, रिश्वतखोर और बड़े-बुजुर्गों को अपमानित करने वाला प्रकृति का है।
उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) नें ग्राम/पोस्ट परियत, जिलाः जौनपुर, उप्र के सम्मानित निवासी व करीब 70वर्षीय बुजुर्ग बीएमएस डॉ0 रमाकांत गुप्त/पुत्र स्वर्गीय इंसपेक्टर भगवती प्रसाद गुप्त व उनकी पत्नी रिटायर्ड सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका राजकुमारी देवी के साथ पुलिसिया गुण्डई दिखाते हुए उनके साथ बहुत ही घटियां, शर्मनाक व अभद्र भाषा का प्रयोग किया व एक अपराधी की तरह दुर्व्‍यवहार करते हुए उन्हें थाने चलने को जबरन मजबूर कर रहा था, इस उपरोक्त अधिकारी के साथ दो पुलिस वाले और थे जो उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी का साथ दे रहे थे, उपरोक्त घटना 4 मार्च, 2016 दिन के करीब साढ़े बारह बजे की है ।
इतना ही नहीं डॉ0 रमाकांत गुप्त को थोड़ा कपड़े पहनने में देर होने पर उपरोक्त पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान)  ने अत्यंत गंदे व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया और बोला कि -‘‘जल्दी कर अभी तक तैयार नहीं हुआ तू‘‘। उपरोक्त पुलिस अधिकारी नें बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी के साथ  गंदी व अशिष्ट अपशब्दों वाली भाषा का प्रयोग करते हुए बोला, ‘‘तुम यहाँ-वहाँ नाचना बंद कर, फाल्तू बकवास मत कर‘‘। 
सनद रहे कि  मामला जमीन से संबंधित था, डॉ0  रमाकांत गुप्त ट्रांसफार्मर के पास एक दीवार का निर्माण करा रहे थे क्योंकि गेद खेलते समय बच्चों का गेद ट्रांसफार्मर के पास चला जाता था जिससे बच्चों के प्राण जानें  का खतरा बना रहता है। इस ट्रांसफार्मर हटाने की शिकायत कई बार शासन-प्रशासन से किया गया मगर अंधेर राज्य में जायज मांगे कभी पूरी ही नहीं होती।  इस संदर्भ में उपरोक्त दीवान रिवश्वखोर अधिकारी नें ग्रॉम प्रधान से भी कोई बात भी नहीं किया।
70वर्षीय बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी राजकुमारी देवी रिटायर्ड सरकारी जूनियर स्कूल की प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं जो बुद्धिजीवी समाज का प्रतिनिधित्व भी करती हैं जिनके पढ़ाए छात्र एसडीएम, डीएम तक बन चुके हैं । लेकिन उनके साथ भी इस पुलिस अधिकारी नें गंदे, घिनौने व मर्यादाहीन  शब्दों का प्रयोग किया, वो ऐसा कि पुलिस की वर्दी के आगे किसी का कोई सम्मान ही न  हो मानो बस सब उस उपरोक्त अधिकारी के दास हों।
70 वर्षीय बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त पेशे से डॉक्टर हैं जो हमेंशा गरीबों के ईलाज में अपना जीवन न्योछावर कर दिया, जिनका जीवन बेहद सादगी से भरा और पवित्र रहा है । डॉ0 रमाकांत गुप्त का अपराध से कोई वास्ता कभी नहीं रहा है। इनकी उम्र करीब 70 वर्ष की है, क्या वे थाने में ले जानें लायक थे ? यदि उपरोक्त अधिकारी को कोई पूछताछ करनी थी तो उनकी उम्र देखकर उनके घर पर भी हो सकती थी। 
उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) जो महादुष्‍ट, बर्बर व्‍यवहार का था उसकी दरिंदगी व अभद्र भाषा के बाद डॉ0 रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा उनके सीने का दर्द और बढ़ गया, उनको हार्ट अटैक आते-आते बचा जिसका ईलाज चल रहा है। ज्ञात रहे कि डॉ0 रमाकांत गुप्त के सीने में  अक्सर दर्द होता रहता है जिसके लिए हमेंशा दवाएँ खाते रहते हैं। उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य और बिगड़ने लगा अगर उनको कुछ होता है तो उसके लिए भ्रष्ट, रिश्वतखोर बनारसी लाल (दीवान) व बरसठी थाने का थानाध्यक्ष  जिम्मेदार होगा ।
डॉ0  रमाकांत गुप्त से उपरोक्त बरसठी थाने का (दीवान)  द्वारा अपराधियों की तरह बर्ताव से वे बेहद मानसिक अवसाद में हैं क्योंकि वे पूरा जीवन सादगी से व्यतीत करने वाले समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं, जिनको किसी तरह के अपराध से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं रहा है। ज्ञात रहे कि बरसठी की बर्बर पुलिस अपने गंदे व घिनौने कामों के लिए कुख्‍यात है। सन् 1982 के करीब बरसठी की बर्बर पुलिस नें एक आदिवासी मुशहर को पीटते-पीटते मार डाला था जिसके चल्‍ते बहुत हंगामा हुआ था ।
ओर तो और इस भ्रष्ट पुलिस अधिकारी ने बुजुर्ग दंपत्ति डॉ0  रमाकांत गुप्त व राजकुमारी देवी को रिश्वत देने के लिए बाध्य कर दिया, रिश्वत देने के बाद तब जाकर उस भ्रष्ट व रिश्वतखोर  उपरोक्त (दीवान)  ने बुजुर्ग दंपत्ति की जान छोड़ी। डॉ0  रमाकांत गुप्त, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी व उनका पूरा परिवार भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुरी तरह भयभीत व मानसिक सदमें में है ।
इस बुजुर्ग दंपत्ति नें उपरोक्त महाभ्रष्ट पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) की जौनपुर एसपी से शिकायत कर अविलंब दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की मांग किया है ।  क्योंकि बरसठी थाने के दीवान नें  70वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति का घोर अपमान किया है, उनके साथ अमर्यादित, गंदे, अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया है व उन्हें रिश्वत देनें के लिए मजबूर किया । उपरोक्‍त  भ्रष्‍ट पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए थाने के बड़े, आला पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष ने पूरा एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू  कर दिया है । थानाध्‍यक्ष महोदय मामले के लीपा-पोती में पूरी तरह से जुट गए हैंवे पत्रकारों को बता रहे हैं कि ऐसा कुछ मामला था ही नहीं ।
उपरोक्‍त घटना की हिन्‍दू महासभा के वरिष्‍ठ अधिकारी पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र, रीता राय, रविन्‍द्र द्विवेदी  नें तीव्र व कड़े शब्‍दों में निंदा की है व दोषी व भ्रष्‍ट पुलिस के विरूद्ध अविलंब कार्यवाही की मांग की है, माँग पूरी न होने पर जनआंदोलन की शुरूआत करने की बात कही है ।
(लेखक एमबीबीएस डॉक्‍टर व फिल्‍म निर्माता है)

 

यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया


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यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया

 

 

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यू0पी0 मडि़याहूँ पुलिस ने दबाव देकर बुजुर्ग महिला से हस्‍ताक्षर कराया


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सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है



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सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है

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Wednesday, March 9, 2016

सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है

                                              
जौनुपर, बरसठी की पुलिस मामले की पूरी लीपा-पोती में जुटी

सपा के गुण्‍डा राज में वरिष्‍ठ नागरिकों का पुलिस द्वारा उत्‍पीड़न किया जा रहा है। ऐसे ही एक मामला उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुरब्लॉक बरसठी, थाना बरसठी के अंतर्गत है । मालूम रहे कि बरसठी थाने का  बनारसी लाल (दीवान) नाम का पुलिस अधिकारी जिसका सीएनओ नंबर 77217126  व  मोबाइल नंबर: 07388791887 है, जो अत्यंत भ्रष्ट, रिश्वतखोर और बड़े-बुजुर्गों को अपमानित करने वाला प्रकृति का है।

उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) नें ग्राम/पोस्ट परियत, जिलाः जौनपुर, उप्र के सम्मानित निवासी व करीब 70वर्षीय बुजुर्ग बीएमएस डॉ0 रमाकांत गुप्त/पुत्र स्वर्गीय इंसपेक्टर भगवती प्रसाद गुप्त व उनकी पत्नी रिटायर्ड सरकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका राजकुमारी देवी के साथ पुलिसिया गुण्डई दिखाते हुए उनके साथ बहुत ही घटियां, शर्मनाक व अभद्र भाषा का प्रयोग किया व एक अपराधी की तरह दुर्व्‍यवहार करते हुए उन्हें थाने चलने को जबरन मजबूर कर रहा था, इस उपरोक्त अधिकारी के साथ दो पुलिस वाले और थे जो उपरोक्त भ्रष्ट अधिकारी का साथ दे रहे थे, उपरोक्त घटना 4 मार्च, 2016 दिन के करीब साढ़े बारह बजे की है ।

इतना ही नहीं डॉ0 रमाकांत गुप्त को थोड़ा कपड़े पहनने में देर होने पर उपरोक्त पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान)  ने अत्यंत गंदे व अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया और बोला कि -‘‘जल्दी कर अभी तक तैयार नहीं हुआ तू‘‘। उपरोक्त पुलिस अधिकारी नें बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी के साथ  गंदी व अशिष्ट अपशब्दों वाली भाषा का प्रयोग करते हुए बोला, ‘‘तुम यहाँ-वहाँ नाचना बंद कर, फाल्तू बकवास मत कर‘‘।  

सनद रहे कि  मामला जमीन से संबंधित था, डॉ0  रमाकांत गुप्त ट्रांसफार्मर के पास एक दीवार का निर्माण करा रहे थे क्योंकि गेद खेलते समय बच्चों का गेद ट्रांसफार्मर के पास चला जाता था जिससे बच्चों के प्राण जानें  का खतरा बना रहता है। इस ट्रांसफार्मर हटाने की शिकायत कई बार शासन-प्रशासन से किया गया मगर अंधेर राज्य में जायज मांगे कभी पूरी ही नहीं होती।  इस संदर्भ में उपरोक्त दीवान रिवश्वखोर अधिकारी नें ग्रॉम प्रधान से भी कोई बात भी नहीं किया।

70वर्षीय बुजुर्ग डॉ0 रमाकांत गुप्त की पत्नी राजकुमारी देवी रिटायर्ड सरकारी जूनियर स्कूल की प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं जो बुद्धिजीवी समाज का प्रतिनिधित्व भी करती हैं जिनके पढ़ाए छात्र एसडीएम, डीएम तक बन चुके हैं । लेकिन उनके साथ भी इस पुलिस अधिकारी नें गंदे, घिनौने व मर्यादाहीन  शब्दों का प्रयोग किया, वो ऐसा कि पुलिस की वर्दी के आगे किसी का कोई सम्मान ही न  हो मानो बस सब उस उपरोक्त अधिकारी के दास हों।

70 वर्षीय बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त पेशे से डॉक्टर हैं जो हमेंशा गरीबों के ईलाज में अपना जीवन न्योछावर कर दिया, जिनका जीवन बेहद सादगी से भरा और पवित्र रहा है । डॉ0 रमाकांत गुप्त का अपराध से कोई वास्ता कभी नहीं रहा है। इनकी उम्र करीब 70 वर्ष की है, क्या वे थाने में ले जानें लायक थे ? यदि उपरोक्त अधिकारी को कोई पूछताछ करनी थी तो उनकी उम्र देखकर उनके घर पर भी हो सकती थी।  

उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) जो महादुष्‍ट, बर्बर व्‍यवहार का था उसकी दरिंदगी व अभद्र भाषा के बाद डॉ0 रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य बिगड़ने लगा उनके सीने का दर्द और बढ़ गया, उनको हार्ट अटैक आते-आते बचा जिसका ईलाज चल रहा है। ज्ञात रहे कि डॉ0 रमाकांत गुप्त के सीने में  अक्सर दर्द होता रहता है जिसके लिए हमेंशा दवाएँ खाते रहते हैं। उपरोक्त पुलिस अधिकारी (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुजुर्ग डॉ0  रमाकांत गुप्त का स्वास्थ्य और बिगड़ने लगा अगर उनको कुछ होता है तो उसके लिए भ्रष्ट, रिश्वतखोर बनारसी लाल (दीवान) व बरसठी थाने का थानाध्यक्ष  जिम्मेदार होगा ।
डॉ0  रमाकांत गुप्त से उपरोक्त बरसठी थाने का (दीवान)  द्वारा अपराधियों की तरह बर्ताव से वे बेहद मानसिक अवसाद में हैं क्योंकि वे पूरा जीवन सादगी से व्यतीत करने वाले समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं, जिनको किसी तरह के अपराध से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं रहा है। ज्ञात रहे कि बरसठी की बर्बर पुलिस अपने गंदे व घिनौने कामों के लिए कुख्‍यात है। सन् 1982 के करीब बरसठी की बर्बर पुलिस नें एक आदिवासी मुशहर को पीटते-पीटते मार डाला था जिसके चल्‍ते बहुत हंगामा हुआ था ।
ओर तो और इस भ्रष्ट पुलिस अधिकारी ने बुजुर्ग दंपत्ति डॉ0  रमाकांत गुप्त व राजकुमारी देवी को रिश्वत देने के लिए बाध्य कर दिया, रिश्वत देने के बाद तब जाकर उस भ्रष्ट व रिश्वतखोर  उपरोक्त (दीवान)  ने बुजुर्ग दंपत्ति की जान छोड़ी। डॉ0  रमाकांत गुप्त, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी व उनका पूरा परिवार भ्रष्ट अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) के दुर्व्‍यवहार से बुरी तरह भयभीत व मानसिक सदमें में है ।

इस बुजुर्ग दंपत्ति नें उपरोक्त महाभ्रष्ट पुलिस अधिकारी बनारसी लाल (दीवान) की जौनपुर एसपी से शिकायत कर अविलंब दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की मांग किया है ।  क्योंकि बरसठी थाने के दीवान नें  70वर्षीय बुजुर्ग दंपत्ति का घोर अपमान किया है, उनके साथ अमर्यादित, गंदे, अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया है व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया है व उन्हें रिश्वत देनें के लिए मजबूर किया । उपरोक्‍त  भ्रष्‍ट पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए थाने के बड़े, आला पुलिस अधिकारी थानाध्यक्ष ने पूरा एड़ी-चोटी का जोर लगाना शुरू  कर दिया है । थानाध्‍यक्ष महोदय मामले के लीपा-पोती में पूरी तरह से जुट गए हैं,  वे पत्रकारों को बता रहे हैं कि ऐसा कुछ मामला था ही नहीं ।

उपरोक्‍त घटना की हिन्‍दू महासभा के वरिष्‍ठ अधिकारी पं0 बाबा नंद किशोर मिश्र, रीता राय, रविन्‍द्र द्विवेदी  नें तीव्र व कड़े शब्‍दों में निंदा की है व दोषी व भ्रष्‍ट पुलिस के विरूद्ध अविलंब कार्यवाही की मांग की है, माँग पूरी न होने पर जनआंदोलन की शुरूआत करने की बात कही है ।



Tuesday, February 16, 2016

भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा



           ‘‘भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए‘‘ उपरोक्त बातें अखिल भारत हिन्दू महासभा के महासचिव रविन्द्र द्विवेदी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिए एक पत्र में कही । ज्ञात हो कि    उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुर, रामपुर ब्लॉक  के अंतर्गत रतन यादव नाम का लेखपाल जो अत्यंत भ्रष्ट और रिश्वतखोर प्रकृति का अधिकारी है जिसने वहां की मासूम जनता को परेशान करके रख दिया है।

श्री द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में बताया कि यह लेखपाल भोले-भाले जनता को फँसाकर धन उगाहने का प्रयास करता रहता है । वर्तमान में रामपुर के बहुत से लोगों को रिश्वत देने के लिए डरा-धमकाकर मजबूर करनें में लगा हुआ है, जिससे नागरिकों में उसके आतंक का भय पूरी तरह व्याप्त हो गया है ।  इतना ही नहीं उपरोक्त लेखपाल को बड़े-बड़े सवर्ण जातियों का भी समर्थन प्राप्त है  जिससे उसका दुःसाहस और भी बढ़ गया है और रामपुर के पीडि़त लोग इसके विरूद्ध मुँह खोलनें का साहस नहीं कर पा रहे हैं ।

हिन्दू महासभा के महासचिव रविन्द्र द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में कहा है कि  रतन यादव नामक लेखपाल रिश्वतखोरी में अकेला नहीं है इसके साथ और कई अधिकारी मिले हुए हैं जैसे कानून गो, नायब तहसीलदार आदि । 

रविन्द्र द्विवेदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यदि कोई नागरिक आबादी के जमीन में आबाद है तो उपरोक्त लेखपाल को पता चल जाता है तो वह  उस आबादी के जमीन पर रहने वाले उन भोले-भाले  नागरिक को स्टैम्प घोटाले करनें  का भय दिखाता है और लेखपाल आगे उनसे कहता है कि आपने तो जमीन की रजिस्ट्री कराई ही नहीं हैं जिससे सरकार को लाखों का घाटा हुआ है, आपने स्टैंप घोटाला किया है और अब आप मुझे लगभग पचास-साठ हजार रूपये दे दो वर्ना तुम बहुत बुरे ढंग से फँसोगे ।

 रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि यदि वह भोला-भाला इंसान रिश्वत देनें से मना करने लगता है तो वह लेखपाल कानून गो व नायब तहसीलदार के सामने उपरोक्त नागरिक को प्रस्तुत करवाकर पूरे चार-पाँच लाख का खर्च दिखाता है और कहता है कि पचास-साठ हजार में अपना काम निपटा लो वर्ना स्टैम्प घोटालें में कई लाखों के चपेट में आओगे और जेल  अलग से होगी ।
 
रविन्द्र द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपने पत्र में आगे कहा कि रामपुर के जिन लोगों नें शिकायत की है वे बहुत बुरी तरह डरे-सहमें हुए हैं यदि वे सामने आकर शिकायत करते हैं तो ये लेखपाल उन्हें जान से भी मरवा सकता है क्योंकि रतन यादव नामक लेखपाल को वहाँ के आस-पास के दबंग ठाकुरों का भारी समर्थन प्राप्त है और वह अपनी पहुँच लखनऊ के बड़े-बड़े नेताओं तक बताता है। इतना ही नहीं, रतन यादव नामक लेखपाल अपना संबंध समाजवादी पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं से बताता है और हमेंशा सीधे-सादे और मासूम लोगों को उस परिचय का धौंस दिखाता  रहता है ।

आगे महासचिव द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से अपनी बात रखते हुए कहा कि पीडि़त शिकायतकर्ता शासन-प्रशासन के समक्ष आकर सारी बात बता सकते हैं लेकिन यदि शासन-प्रशासन उनका नाम पूरी तरह गुप्त रखें व उनके परिवार की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ।

महासचिव रविन्द्र द्विवेदी नें  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से आगे मांग की  है कि इस भ्रष्ट रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाये जिससे भविष्य में इस तरह की गलती कोई लेखपाल करने का दुःसाहस न करे और इसके साथ यह भी मांग की है कि लेखपाल रतन यादव के साथ-साथ उसके इस गलत कार्य में साथ देनें वाले अन्य अधिकारियों के प्रति भी कड़ी से कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही किया जाये जिससे उपरोक्त लेखपाल का रिश्वत नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो जाये ।

आगे, हिन्दू महासभा के महासचिव ने अपनी चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से  कहा कि यदि इस भ्रष्ट लेखपाल को बर्खास्त नहीं किया गया तो जितने आबादी के जमींन पर गरीब नागरिक रह रहे हैं उसके लिए उपरोक्त लेखपाल बहुत बड़े  खतरे का सबब  साबित होगा ।

अंत में जुझारू  नेता रविन्द्र द्विवेदी नें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को आगाह करते हुए कहा कि उपरोक्त भ्रष्ट लेखपाल को यदि अविलंब बर्खास्त नहीं किया जाता तो अखिल भारत हिन्दू महासभा जनआंदोलन आरंभ करेगी और साथ में सोशल मीडिया पर भी अभियान को द्रुत  गति से चलाएगी । 

मित्रों आप सब लोग इस भ्रष्‍टाचार की शिकायत उप्र के मुख्‍यमंत्री कार्यालय व  जौनपुर के डीएम से भी शिकायत कर सकते हैं –
मुख्‍यमंत्री कार्यालय का फोन नंबर – 0522- 2236181,  2239296,  2215501, 2236838, 2236985

जौनपुर जिले के डीएम का नंबर है – 09454417578

भ्रष्‍ट लेखपाल रतन यादव का मोबाइल नंबर- 09838157703

महत्‍वपूर्ण लिंक :



भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा



भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


Tuesday, December 29, 2015

कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई के लिए जंतर-मंतर पर हुआ प्रदर्शन


हिन्दू महासभा और साधु-संतों नें आजम खान का पूतला फूंका



                नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं और साधु संतों ने गत दिनों जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान का पूतला फूंका । प्रदर्शनकारी लूट, हिंसा, हत्या, जबरन धर्मांतरण का संदेश देने वाली कुरान पर भारत में प्रतिबंध लगाने, लखनऊ की जेल में रासुका में बंद कमलेश तिवारी को बिना शर्त रिहा कर कमाण्डो शिक्षा देने, आजम खान और ओवैसी को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और गृहमंत्री को सौंपा। प्रदर्शन में हिन्दू स्वराज्य सेना और हिन्दू महिला सभा भी शामिल हुई।

जंतर-मंतर पर दोपहर में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री और रविन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में हिन्दू महासभा कार्यकर्ता और साधू संत एकत्र हुए और इस्लामिक आतंकवाद तथा आजम खान के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि कुरान वैश्विक आतंकवाद की जनक हैं। कुरान में काफिर (गैर मुस्लिम) और मुशरिक (मूर्ति पूजक) पर घात लगाकर हमला करने, उन्हें लूटने और हत्या करने का संदेश मिलता है। यह संदेश विश्व शांति एवं सद्भाव के लिए सबसे बड़ा खतरा है। कुरान की ऐसी ही खतरनाक 24 आयतों पर हिन्दू महासभा दिल्ली कोर्ट में पूर्व में मुकदमा जीत चुकी है। उन्होंने भारत में कुरान पर प्रतिबंध लगाने और निर्दोष कमलेश तिवारी को अविलंब रिहा करने की मांग की।

श्री रविन्द्र द्विवेदी ने आगे कहा कि कमलेश तिवारी को समाजवादी पार्टी और मुस्लिम समाज के षडयंत्र के तहत रासुका में गिरफ्तार किया गया है। उसे हिन्दू होने की सजा दी गई है। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कमलेश तिवारी रिहा नही किया गया तो हिन्दू महासभा पूरे देश में आंदोलन करेगी। कमलेश तिवारी की फासी की मांग करने वाले देशद्रोही हैं और आईएस नामक खूंखार मुस्लिम आतंकवादी संगठन जिंदाबाद के नारे लगाते हैं । देशद्रोह के आरोप में उन अराजक तत्वों को गिरफ्तार करो।

प्रदर्शनकारियों को बाबा धर्मदास, स्वामी ओम जी महाराज, हिन्दू स्वराज्य सेना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र भाटी, मदन लाल गुप्ता, राजा किशोर द्विवेदी, अधिवक्ता संजया शर्मा, रोहित राघव, कन्हैया लाल राय आदि अनेंक नेताओं ने संबोधित किया ।

अंत में आजम खान का पुतला फूंका गया। आजम खान को फासी दो, फासी दो के नारे के बीच पुतले को मुखाग्नि रविन्द्र द्विवेदी ने दी।

इस अवसर पर रायपुर से विकल्प सिंह नंदा, लखनऊ से आशा शुक्ला, बिहार से मंगलदास, सुश्री बीना, प्राशु जोशी, सरिता देवी, अमित सिंह पुण्डीर, अनंत शर्मा आदि उपस्थित थे ।


कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई के लिए जंतर-मंतर पर हुआ प्रदर्शन


http://hinduswarajyasena.blogspot.in/2015/12/blog-post.html

कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई के लिए जंतर-मंतर पर हुआ प्रदर्शन


http://victimsofpolice.blogspot.in/2015/12/blog-post.html

Sunday, December 27, 2015

28/12/2015 को हिन्‍दू महासभा का भारी प्रदर्शन

कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई की मांग को लेकर अखिल भारत हिन्‍दू महासभा का भारी प्रदर्शन कल 28/12/2015 को जंतर मंतर पर। आप कल दिन में एक बजे अवश्‍य पहुंचे।


Saturday, November 28, 2015

हिन्‍दू महासभा के आंदोलन से झुकी दिल्‍ली जलबोर्ड



उत्तम नगर, नई दिल्ली। अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के आंदोलन से दिल्‍ली जलबोर्ड को झुकना पड़ा । ज्ञात हो कि  अखिल भारत हिन्दू महासभा के महासचिव व जुझारू नेता रविन्द्र द्विवेदी नें दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार व लापरवाही  की शिकायत भारत के प्रधानमंत्री व दिल्ली के  मुख्यमंत्री से 5/11/2015 को एक पत्र भेजकर की थी । सनद रहे कि उत्तम नगर की निवासी शिल्पी नें तीन-चार साल पूर्व श्री लक्ष्मण गुप्ता पुत्र श्री राधे श्याम गुप्ता से संजय इंक्लेव, उत्तम नगर-59 में स्थित सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, खरीदा था। यहाँ पानी का कनेक्शन श्री लक्ष्मण गुप्ता के नाम से ही है लेकिन हर महीने का बिल उपरोक्त महिला द्वारा समय पर भर दिया जाता है। 

उपरोक्त महिला को करीब 7-8 महीने से  पानी का बिल जल विभाग द्वारा नहीं मिला जिसके कारण वो पानी का बिल नहीं भर पाई।  अक्टूबर, 2015 के अंत में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपरोक्त महिला को जल विभाग, पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का पानी का बिल 4686 रूपया का  (करीब-करीब 8 महीनों का बिल) भेजा गया। (बिल आई डीः 849161326691)

उपरोक्त महिला का  इतना अधिक पानी का प्रयोग भी नहीं करती कि उसका पानी का बिल इतना ज्यादा आये वहीं शिकायत करनें वाली महिला  का कहना है कि वह आठ-दस महीने का बिल एक साथ नहीं दे सकती। दिल्ली सरकार द्वारा महीने में 20,000 लीटर तक पानी का प्रयोग करने वालों को पानी का बिल माफ कर दिया है फिर इतना अधिक बिल कैसे और क्यों आया ये जाँच का विषय है ?
            ज्ञात हो कि प्रार्थिनी के पानी की टंकी 500 लीटर की है वह महीने में अधिकतम 15000 लीटर से ज्यादा पानी प्रयोग ही नहीं करती थी, पानी सिर्फ कुछ माह पूर्व दो दिन में एक बार  व अब रोज एक बार शाम को आता है इसलिए प्रार्थिनी पानी सिर्फ दिन में एक बार ही शाम को भरती है और प्रार्थिनी के परिवार में प्रार्थिनी, उसके पति और उसके दो छोटे बच्चे हैं यानी दो छोटे बच्चों को मिलाकर 4 लोग हैं। एक ओर जहां लोगों के अब 35 रूपये पानी के बिल आ रहे हैं उपरोक्त महिला को पश्चिम विहार जल विभाग द्वारा 5000 रूपये के करीब पानी का बिल दिल्ली जल बोर्ड के लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा था ।

ये दिल्ली जल विभाग के कर्मचारियों की बहुत बड़ी गलती है कि वे अपने ग्राहक को उचित समय पर बिल नही दिया जिसके चलते किसी गरीब के सामने बिल न भर पाने की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई। वैसे, जल विभाग नें तो ब्याज, चक्रविधि व्याज, आठ महीने बिल न भरने का चार्ज आदि जोड़कर सारे बिल भेजा होगा जिससे इतना भारी भरकम बिल आया  लेकिन दिल्ली जल विभाग की गलती को किसी गरीब का  परिवार  क्यों भुगतें ?

हिन्दू महासभा के महासचिव नें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए आगे इस पत्र में लिखा था  कि  20 फरवरी, 2015 से अब तक कितना पानी का प्रयोग उपरोक्त महिला के परिवार नें  किया है इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाए उपरोक्त महिला के परिवार नें जितना पानी का प्रयोग किया गया है उनसे सिर्फ उतने ही पैसे की वसूली की जाए। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि  सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, उत्तम नगर-59 को जो पानी का बिलजल विभाग पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का 4686/ (पानी का बिल) रूपया का भेजा गया है। प्रार्थिनी की  आर्थिक परिस्थिति ऐसी नहीं है कि वो जल विभाग द्वारा आठ महीने का भारी भरकम बिल ब्याज सहित भर सकें।

इस पत्र में द्विवेदी नें लापरवाह और भ्रष्ट दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों के लिए ये माँग की थी  कि  जल विभाग को कठोर निर्देश दिया जाये कि वो अपने पानी के बिल हर महीने सही समय पर भेजे। पत्र में दोषी जल विभाग के कर्मचारी जिन्होंने आठ महीनें तक उपरोक्त महिला  को कोई बिल को भेजा ही नहीं उनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की मांग की थी  ताकि भविष्य में कोई कर्मचारी इस तरह की गलती करनें की दुःसाहस न करें।

अंत में हिन्‍दू महासभा के कद्दावर नेता रविन्‍द्र द्विवेदी के पत्र पर आनन-फानन में मुख्‍यमंत्री कार्यालय तुरंत हरकत में आ गया। मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर दिल्‍ली जलबोर्ड को उपरोक्‍त  मामले को निपटाने का    कठोर आदेश दिया गया। परिणामस्‍वरूप 27 नवंबर, 2015 को दिल्‍ली जलबोर्ड को उपरोक्‍त उत्‍तम नगर की महिला का पानी का बिल जो 5000/- के करीब था घटाकर 689 रूपये कर दिया ।
आज 28 नवंबर, 2015 को मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय से भी उपरोक्‍त महिला को फोन आ गया कि आप वर्तमान पानी के बिल से संतुष्‍ट हैं कि नहीं तो महिला ने सकारात्‍मक उत्‍तर दिया ।
मित्रों, यदि आप के पास भी यदि दिल्‍ली जलबोर्ड का झूठा भारी भरकम बिल यदि आ जाये तो आप अविलंब 09958324981 पर सूचित करें हर संभव आपकी सहायता की जायेगी ।

हिन्‍दू महासभा के आंदोलन से झुकी दिल्‍ली जलबोर्ड

http://www.jansarokaar.com/hindi-du-general-assembly-movement-none-delhi-jalbord.html



Thursday, November 5, 2015

दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायत प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री से



उत्तम नगर, नई दिल्ली। अखिल भारत हिन्दू महासभा के महासचिव व जुझारू नेता रविन्द्र द्विवेदी नें दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार व लापरवाही  की शिकायत भारत के प्रधानमंत्री व दिल्ली के  मुख्यमंत्री से 5/11/2015 को एक पत्र भेजकर की है। ज्ञात हो कि उत्तम नगर की निवासी शिल्पी नें तीन-चार साल पूर्व श्री लक्ष्मण गुप्ता पुत्र श्री राधे श्याम गुप्ता से संजय इंक्लेव, उत्तम नगर-59 में स्थित सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, खरीदा था। यहाँ पानी का कनेक्शन श्री लक्ष्मण गुप्ता के नाम से ही है लेकिन हर महीने का बिल उपरोक्त महिला द्वारा समय पर भर दिया जाता है। 

रविन्द्र द्विवेदी नें अपने पत्र में लिखा कि उपरोक्त महिला को करीब 7-8 महीने से  पानी का बिल जल विभाग द्वारा नहीं मिला जिसके कारण वो पानी का बिल नहीं भर पाई।  अक्टूबर, 2015 के अंत में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपरोक्त महिला को जल विभाग, पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का पानी का बिल 4686 रूपया का  (करीब-करीब 8 महीनों का बिल) भेजा गया। (बिल आई डीः 849161326691)

द्विवेदी नें इस पत्र में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उपरोक्त महिला का  इतना अधिक पानी का प्रयोग भी नहीं करती कि उसका पानी का बिल इतना ज्यादा आये। वहीं शिकायत करनें वाली महिला  का कहना है कि वह आठ-दस महीने का बिल एक साथ नहीं दे सकती। दिल्ली सरकार द्वारा महीने में 20,000 लीटर तक पानी का प्रयोग करने वालों को पानी का बिल माफ कर दिया है फिर इतना अधिक बिल कैसे और क्यों आया ये जाँच का विषय है ?

          ज्ञात हो कि प्रार्थिनी के पानी की टंकी 500 लीटर की है वह महीने में अधिकतम 15000 लीटर से ज्यादा पानी प्रयोग ही नहीं करती, पानी सिर्फ कुछ माह पूर्व दो दिन में एक बार  व अब रोज एक बार शाम को आता है इसलिए प्रार्थिनी पानी सिर्फ दिन में एक बार ही शाम को भरती है और प्रार्थिनी के परिवार में प्रार्थिनी, उसके पति और उसके दो छोटे बच्चे हैं यानी दो छोटे बच्चों को मिलाकर 4 लोग हैं। एक ओर जहां लोगों के अब 35 रूपये पानी के बिल आ रहे हैं उपरोक्त महिला को पश्चिम विहार जल विभाग द्वारा 5000 रूपये के करीब पानी का बिल दिल्ली जल बोर्ड के लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है।

ये दिल्ली जल विभाग के कर्मचारियों की बहुत बड़ी गलती है कि वे अपने ग्राहक को उचित समय पर बिल नही दिया जिसके चलते किसी गरीब के सामने बिल न भर पाने की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई। वैसे, जल विभाग नें तो ब्याज, चक्रविधि व्याज, आठ महीने बिल न भरने का चार्ज आदि जोड़कर सारे बिल भेजा होगा जिससे इतना भारी भरकम बिल आया  लेकिन दिल्ली जल विभाग की गलती को किसी गरीब का  परिवार  क्यों भुगतें ?

हिन्दू महासभा के महासचिव नें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए आगे इस पत्र में लिखा है कि  20 फरवरी, 2015 से अब तक कितना पानी का प्रयोग उपरोक्त महिला के परिवार नें  किया है इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाए उपरोक्त महिला के परिवार नें जितना पानी का प्रयोग किया गया है उनसे सिर्फ उतने ही पैसे की वसूली की जाए। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि  सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, उत्तम नगर-59 को जो पानी का बिलजल विभाग पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का 4686/ (पानी का बिल) रूपया का भेजा गया है। प्रार्थिनी की  आर्थिक परिस्थिति ऐसी नहीं है कि वो जल विभाग द्वारा आठ महीने का भारी भरकम बिल ब्याज सहित भर सकें।

इस पत्र में द्विवेदी नें लापरवाह और भ्रष्ट दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों के लिए ये माँग की है कि  जल विभाग को कठोर निर्देश दिया जाये कि वो अपने पानी के बिल हर महीने सही समय पर भेजे। पत्र में दोषी जल विभाग के कर्मचारी जिन्होंने आठ महीनें तक उपरोक्त महिला  को कोई बिल को भेजा ही नहीं उनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की मांग की है  ताकि भविष्य में कोई कर्मचारी इस तरह की गलती करनें की दुःसाहस न करें।

अंत में रविन्‍द्र द्विवेदी नें  यह भी कहा कि भविष्य में दिल्ली जल विभाग यदि इस तरह पानी का बिल इतने महीनों बाद भेजेगा तो वो अपनी गलती के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा न कि दिल्ली का नागरिक।

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