Tuesday, February 16, 2016

भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा



           ‘‘भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए‘‘ उपरोक्त बातें अखिल भारत हिन्दू महासभा के महासचिव रविन्द्र द्विवेदी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिए एक पत्र में कही । ज्ञात हो कि    उत्तर प्रदेश, जिला जौनपुर, रामपुर ब्लॉक  के अंतर्गत रतन यादव नाम का लेखपाल जो अत्यंत भ्रष्ट और रिश्वतखोर प्रकृति का अधिकारी है जिसने वहां की मासूम जनता को परेशान करके रख दिया है।

श्री द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में बताया कि यह लेखपाल भोले-भाले जनता को फँसाकर धन उगाहने का प्रयास करता रहता है । वर्तमान में रामपुर के बहुत से लोगों को रिश्वत देने के लिए डरा-धमकाकर मजबूर करनें में लगा हुआ है, जिससे नागरिकों में उसके आतंक का भय पूरी तरह व्याप्त हो गया है ।  इतना ही नहीं उपरोक्त लेखपाल को बड़े-बड़े सवर्ण जातियों का भी समर्थन प्राप्त है  जिससे उसका दुःसाहस और भी बढ़ गया है और रामपुर के पीडि़त लोग इसके विरूद्ध मुँह खोलनें का साहस नहीं कर पा रहे हैं ।

हिन्दू महासभा के महासचिव रविन्द्र द्विवेदी ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में कहा है कि  रतन यादव नामक लेखपाल रिश्वतखोरी में अकेला नहीं है इसके साथ और कई अधिकारी मिले हुए हैं जैसे कानून गो, नायब तहसीलदार आदि । 

रविन्द्र द्विवेदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यदि कोई नागरिक आबादी के जमीन में आबाद है तो उपरोक्त लेखपाल को पता चल जाता है तो वह  उस आबादी के जमीन पर रहने वाले उन भोले-भाले  नागरिक को स्टैम्प घोटाले करनें  का भय दिखाता है और लेखपाल आगे उनसे कहता है कि आपने तो जमीन की रजिस्ट्री कराई ही नहीं हैं जिससे सरकार को लाखों का घाटा हुआ है, आपने स्टैंप घोटाला किया है और अब आप मुझे लगभग पचास-साठ हजार रूपये दे दो वर्ना तुम बहुत बुरे ढंग से फँसोगे ।

 रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि यदि वह भोला-भाला इंसान रिश्वत देनें से मना करने लगता है तो वह लेखपाल कानून गो व नायब तहसीलदार के सामने उपरोक्त नागरिक को प्रस्तुत करवाकर पूरे चार-पाँच लाख का खर्च दिखाता है और कहता है कि पचास-साठ हजार में अपना काम निपटा लो वर्ना स्टैम्प घोटालें में कई लाखों के चपेट में आओगे और जेल  अलग से होगी ।
 
रविन्द्र द्विवेदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपने पत्र में आगे कहा कि रामपुर के जिन लोगों नें शिकायत की है वे बहुत बुरी तरह डरे-सहमें हुए हैं यदि वे सामने आकर शिकायत करते हैं तो ये लेखपाल उन्हें जान से भी मरवा सकता है क्योंकि रतन यादव नामक लेखपाल को वहाँ के आस-पास के दबंग ठाकुरों का भारी समर्थन प्राप्त है और वह अपनी पहुँच लखनऊ के बड़े-बड़े नेताओं तक बताता है। इतना ही नहीं, रतन यादव नामक लेखपाल अपना संबंध समाजवादी पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं से बताता है और हमेंशा सीधे-सादे और मासूम लोगों को उस परिचय का धौंस दिखाता  रहता है ।

आगे महासचिव द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से अपनी बात रखते हुए कहा कि पीडि़त शिकायतकर्ता शासन-प्रशासन के समक्ष आकर सारी बात बता सकते हैं लेकिन यदि शासन-प्रशासन उनका नाम पूरी तरह गुप्त रखें व उनके परिवार की पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले ।

महासचिव रविन्द्र द्विवेदी नें  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से आगे मांग की  है कि इस भ्रष्ट रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाये जिससे भविष्य में इस तरह की गलती कोई लेखपाल करने का दुःसाहस न करे और इसके साथ यह भी मांग की है कि लेखपाल रतन यादव के साथ-साथ उसके इस गलत कार्य में साथ देनें वाले अन्य अधिकारियों के प्रति भी कड़ी से कड़ी दण्डात्मक कार्यवाही किया जाये जिससे उपरोक्त लेखपाल का रिश्वत नेटवर्क पूरी तरह ध्वस्त हो जाये ।

आगे, हिन्दू महासभा के महासचिव ने अपनी चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से  कहा कि यदि इस भ्रष्ट लेखपाल को बर्खास्त नहीं किया गया तो जितने आबादी के जमींन पर गरीब नागरिक रह रहे हैं उसके लिए उपरोक्त लेखपाल बहुत बड़े  खतरे का सबब  साबित होगा ।

अंत में जुझारू  नेता रविन्द्र द्विवेदी नें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को आगाह करते हुए कहा कि उपरोक्त भ्रष्ट लेखपाल को यदि अविलंब बर्खास्त नहीं किया जाता तो अखिल भारत हिन्दू महासभा जनआंदोलन आरंभ करेगी और साथ में सोशल मीडिया पर भी अभियान को द्रुत  गति से चलाएगी । 

मित्रों आप सब लोग इस भ्रष्‍टाचार की शिकायत उप्र के मुख्‍यमंत्री कार्यालय व  जौनपुर के डीएम से भी शिकायत कर सकते हैं –
मुख्‍यमंत्री कार्यालय का फोन नंबर – 0522- 2236181,  2239296,  2215501, 2236838, 2236985

जौनपुर जिले के डीएम का नंबर है – 09454417578

भ्रष्‍ट लेखपाल रतन यादव का मोबाइल नंबर- 09838157703

महत्‍वपूर्ण लिंक :



भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


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भ्रष्ट व रिश्वतखोर लेखपाल को अविलंब बर्खास्त किया जाए-हिन्दू महासभा


Tuesday, December 29, 2015

कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई के लिए जंतर-मंतर पर हुआ प्रदर्शन


हिन्दू महासभा और साधु-संतों नें आजम खान का पूतला फूंका



                नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं और साधु संतों ने गत दिनों जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान का पूतला फूंका । प्रदर्शनकारी लूट, हिंसा, हत्या, जबरन धर्मांतरण का संदेश देने वाली कुरान पर भारत में प्रतिबंध लगाने, लखनऊ की जेल में रासुका में बंद कमलेश तिवारी को बिना शर्त रिहा कर कमाण्डो शिक्षा देने, आजम खान और ओवैसी को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों का ज्ञापन प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और गृहमंत्री को सौंपा। प्रदर्शन में हिन्दू स्वराज्य सेना और हिन्दू महिला सभा भी शामिल हुई।

जंतर-मंतर पर दोपहर में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री और रविन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में हिन्दू महासभा कार्यकर्ता और साधू संत एकत्र हुए और इस्लामिक आतंकवाद तथा आजम खान के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि कुरान वैश्विक आतंकवाद की जनक हैं। कुरान में काफिर (गैर मुस्लिम) और मुशरिक (मूर्ति पूजक) पर घात लगाकर हमला करने, उन्हें लूटने और हत्या करने का संदेश मिलता है। यह संदेश विश्व शांति एवं सद्भाव के लिए सबसे बड़ा खतरा है। कुरान की ऐसी ही खतरनाक 24 आयतों पर हिन्दू महासभा दिल्ली कोर्ट में पूर्व में मुकदमा जीत चुकी है। उन्होंने भारत में कुरान पर प्रतिबंध लगाने और निर्दोष कमलेश तिवारी को अविलंब रिहा करने की मांग की।

श्री रविन्द्र द्विवेदी ने आगे कहा कि कमलेश तिवारी को समाजवादी पार्टी और मुस्लिम समाज के षडयंत्र के तहत रासुका में गिरफ्तार किया गया है। उसे हिन्दू होने की सजा दी गई है। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कमलेश तिवारी रिहा नही किया गया तो हिन्दू महासभा पूरे देश में आंदोलन करेगी। कमलेश तिवारी की फासी की मांग करने वाले देशद्रोही हैं और आईएस नामक खूंखार मुस्लिम आतंकवादी संगठन जिंदाबाद के नारे लगाते हैं । देशद्रोह के आरोप में उन अराजक तत्वों को गिरफ्तार करो।

प्रदर्शनकारियों को बाबा धर्मदास, स्वामी ओम जी महाराज, हिन्दू स्वराज्य सेना के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र भाटी, मदन लाल गुप्ता, राजा किशोर द्विवेदी, अधिवक्ता संजया शर्मा, रोहित राघव, कन्हैया लाल राय आदि अनेंक नेताओं ने संबोधित किया ।

अंत में आजम खान का पुतला फूंका गया। आजम खान को फासी दो, फासी दो के नारे के बीच पुतले को मुखाग्नि रविन्द्र द्विवेदी ने दी।

इस अवसर पर रायपुर से विकल्प सिंह नंदा, लखनऊ से आशा शुक्ला, बिहार से मंगलदास, सुश्री बीना, प्राशु जोशी, सरिता देवी, अमित सिंह पुण्डीर, अनंत शर्मा आदि उपस्थित थे ।


कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई के लिए जंतर-मंतर पर हुआ प्रदर्शन


http://hinduswarajyasena.blogspot.in/2015/12/blog-post.html

कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई के लिए जंतर-मंतर पर हुआ प्रदर्शन


http://victimsofpolice.blogspot.in/2015/12/blog-post.html

Sunday, December 27, 2015

28/12/2015 को हिन्‍दू महासभा का भारी प्रदर्शन

कुरान पर प्रतिबंध और कमलेश तिवारी की रिहाई की मांग को लेकर अखिल भारत हिन्‍दू महासभा का भारी प्रदर्शन कल 28/12/2015 को जंतर मंतर पर। आप कल दिन में एक बजे अवश्‍य पहुंचे।


Saturday, November 28, 2015

हिन्‍दू महासभा के आंदोलन से झुकी दिल्‍ली जलबोर्ड



उत्तम नगर, नई दिल्ली। अखिल भारत हिन्‍दू महासभा के आंदोलन से दिल्‍ली जलबोर्ड को झुकना पड़ा । ज्ञात हो कि  अखिल भारत हिन्दू महासभा के महासचिव व जुझारू नेता रविन्द्र द्विवेदी नें दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार व लापरवाही  की शिकायत भारत के प्रधानमंत्री व दिल्ली के  मुख्यमंत्री से 5/11/2015 को एक पत्र भेजकर की थी । सनद रहे कि उत्तम नगर की निवासी शिल्पी नें तीन-चार साल पूर्व श्री लक्ष्मण गुप्ता पुत्र श्री राधे श्याम गुप्ता से संजय इंक्लेव, उत्तम नगर-59 में स्थित सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, खरीदा था। यहाँ पानी का कनेक्शन श्री लक्ष्मण गुप्ता के नाम से ही है लेकिन हर महीने का बिल उपरोक्त महिला द्वारा समय पर भर दिया जाता है। 

उपरोक्त महिला को करीब 7-8 महीने से  पानी का बिल जल विभाग द्वारा नहीं मिला जिसके कारण वो पानी का बिल नहीं भर पाई।  अक्टूबर, 2015 के अंत में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपरोक्त महिला को जल विभाग, पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का पानी का बिल 4686 रूपया का  (करीब-करीब 8 महीनों का बिल) भेजा गया। (बिल आई डीः 849161326691)

उपरोक्त महिला का  इतना अधिक पानी का प्रयोग भी नहीं करती कि उसका पानी का बिल इतना ज्यादा आये वहीं शिकायत करनें वाली महिला  का कहना है कि वह आठ-दस महीने का बिल एक साथ नहीं दे सकती। दिल्ली सरकार द्वारा महीने में 20,000 लीटर तक पानी का प्रयोग करने वालों को पानी का बिल माफ कर दिया है फिर इतना अधिक बिल कैसे और क्यों आया ये जाँच का विषय है ?
            ज्ञात हो कि प्रार्थिनी के पानी की टंकी 500 लीटर की है वह महीने में अधिकतम 15000 लीटर से ज्यादा पानी प्रयोग ही नहीं करती थी, पानी सिर्फ कुछ माह पूर्व दो दिन में एक बार  व अब रोज एक बार शाम को आता है इसलिए प्रार्थिनी पानी सिर्फ दिन में एक बार ही शाम को भरती है और प्रार्थिनी के परिवार में प्रार्थिनी, उसके पति और उसके दो छोटे बच्चे हैं यानी दो छोटे बच्चों को मिलाकर 4 लोग हैं। एक ओर जहां लोगों के अब 35 रूपये पानी के बिल आ रहे हैं उपरोक्त महिला को पश्चिम विहार जल विभाग द्वारा 5000 रूपये के करीब पानी का बिल दिल्ली जल बोर्ड के लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर कर रहा था ।

ये दिल्ली जल विभाग के कर्मचारियों की बहुत बड़ी गलती है कि वे अपने ग्राहक को उचित समय पर बिल नही दिया जिसके चलते किसी गरीब के सामने बिल न भर पाने की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई। वैसे, जल विभाग नें तो ब्याज, चक्रविधि व्याज, आठ महीने बिल न भरने का चार्ज आदि जोड़कर सारे बिल भेजा होगा जिससे इतना भारी भरकम बिल आया  लेकिन दिल्ली जल विभाग की गलती को किसी गरीब का  परिवार  क्यों भुगतें ?

हिन्दू महासभा के महासचिव नें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए आगे इस पत्र में लिखा था  कि  20 फरवरी, 2015 से अब तक कितना पानी का प्रयोग उपरोक्त महिला के परिवार नें  किया है इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाए उपरोक्त महिला के परिवार नें जितना पानी का प्रयोग किया गया है उनसे सिर्फ उतने ही पैसे की वसूली की जाए। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि  सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, उत्तम नगर-59 को जो पानी का बिलजल विभाग पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का 4686/ (पानी का बिल) रूपया का भेजा गया है। प्रार्थिनी की  आर्थिक परिस्थिति ऐसी नहीं है कि वो जल विभाग द्वारा आठ महीने का भारी भरकम बिल ब्याज सहित भर सकें।

इस पत्र में द्विवेदी नें लापरवाह और भ्रष्ट दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों के लिए ये माँग की थी  कि  जल विभाग को कठोर निर्देश दिया जाये कि वो अपने पानी के बिल हर महीने सही समय पर भेजे। पत्र में दोषी जल विभाग के कर्मचारी जिन्होंने आठ महीनें तक उपरोक्त महिला  को कोई बिल को भेजा ही नहीं उनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की मांग की थी  ताकि भविष्य में कोई कर्मचारी इस तरह की गलती करनें की दुःसाहस न करें।

अंत में हिन्‍दू महासभा के कद्दावर नेता रविन्‍द्र द्विवेदी के पत्र पर आनन-फानन में मुख्‍यमंत्री कार्यालय तुरंत हरकत में आ गया। मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आदेश पर दिल्‍ली जलबोर्ड को उपरोक्‍त  मामले को निपटाने का    कठोर आदेश दिया गया। परिणामस्‍वरूप 27 नवंबर, 2015 को दिल्‍ली जलबोर्ड को उपरोक्‍त उत्‍तम नगर की महिला का पानी का बिल जो 5000/- के करीब था घटाकर 689 रूपये कर दिया ।
आज 28 नवंबर, 2015 को मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय से भी उपरोक्‍त महिला को फोन आ गया कि आप वर्तमान पानी के बिल से संतुष्‍ट हैं कि नहीं तो महिला ने सकारात्‍मक उत्‍तर दिया ।
मित्रों, यदि आप के पास भी यदि दिल्‍ली जलबोर्ड का झूठा भारी भरकम बिल यदि आ जाये तो आप अविलंब 09958324981 पर सूचित करें हर संभव आपकी सहायता की जायेगी ।

हिन्‍दू महासभा के आंदोलन से झुकी दिल्‍ली जलबोर्ड

http://www.jansarokaar.com/hindi-du-general-assembly-movement-none-delhi-jalbord.html



Thursday, November 5, 2015

दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायत प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री से



उत्तम नगर, नई दिल्ली। अखिल भारत हिन्दू महासभा के महासचिव व जुझारू नेता रविन्द्र द्विवेदी नें दिल्ली जल बोर्ड के भ्रष्टाचार व लापरवाही  की शिकायत भारत के प्रधानमंत्री व दिल्ली के  मुख्यमंत्री से 5/11/2015 को एक पत्र भेजकर की है। ज्ञात हो कि उत्तम नगर की निवासी शिल्पी नें तीन-चार साल पूर्व श्री लक्ष्मण गुप्ता पुत्र श्री राधे श्याम गुप्ता से संजय इंक्लेव, उत्तम नगर-59 में स्थित सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, खरीदा था। यहाँ पानी का कनेक्शन श्री लक्ष्मण गुप्ता के नाम से ही है लेकिन हर महीने का बिल उपरोक्त महिला द्वारा समय पर भर दिया जाता है। 

रविन्द्र द्विवेदी नें अपने पत्र में लिखा कि उपरोक्त महिला को करीब 7-8 महीने से  पानी का बिल जल विभाग द्वारा नहीं मिला जिसके कारण वो पानी का बिल नहीं भर पाई।  अक्टूबर, 2015 के अंत में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा उपरोक्त महिला को जल विभाग, पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का पानी का बिल 4686 रूपया का  (करीब-करीब 8 महीनों का बिल) भेजा गया। (बिल आई डीः 849161326691)

द्विवेदी नें इस पत्र में अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उपरोक्त महिला का  इतना अधिक पानी का प्रयोग भी नहीं करती कि उसका पानी का बिल इतना ज्यादा आये। वहीं शिकायत करनें वाली महिला  का कहना है कि वह आठ-दस महीने का बिल एक साथ नहीं दे सकती। दिल्ली सरकार द्वारा महीने में 20,000 लीटर तक पानी का प्रयोग करने वालों को पानी का बिल माफ कर दिया है फिर इतना अधिक बिल कैसे और क्यों आया ये जाँच का विषय है ?

          ज्ञात हो कि प्रार्थिनी के पानी की टंकी 500 लीटर की है वह महीने में अधिकतम 15000 लीटर से ज्यादा पानी प्रयोग ही नहीं करती, पानी सिर्फ कुछ माह पूर्व दो दिन में एक बार  व अब रोज एक बार शाम को आता है इसलिए प्रार्थिनी पानी सिर्फ दिन में एक बार ही शाम को भरती है और प्रार्थिनी के परिवार में प्रार्थिनी, उसके पति और उसके दो छोटे बच्चे हैं यानी दो छोटे बच्चों को मिलाकर 4 लोग हैं। एक ओर जहां लोगों के अब 35 रूपये पानी के बिल आ रहे हैं उपरोक्त महिला को पश्चिम विहार जल विभाग द्वारा 5000 रूपये के करीब पानी का बिल दिल्ली जल बोर्ड के लापरवाही और भ्रष्टाचार को उजागर करता है।

ये दिल्ली जल विभाग के कर्मचारियों की बहुत बड़ी गलती है कि वे अपने ग्राहक को उचित समय पर बिल नही दिया जिसके चलते किसी गरीब के सामने बिल न भर पाने की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई। वैसे, जल विभाग नें तो ब्याज, चक्रविधि व्याज, आठ महीने बिल न भरने का चार्ज आदि जोड़कर सारे बिल भेजा होगा जिससे इतना भारी भरकम बिल आया  लेकिन दिल्ली जल विभाग की गलती को किसी गरीब का  परिवार  क्यों भुगतें ?

हिन्दू महासभा के महासचिव नें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए आगे इस पत्र में लिखा है कि  20 फरवरी, 2015 से अब तक कितना पानी का प्रयोग उपरोक्त महिला के परिवार नें  किया है इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवाई जाए उपरोक्त महिला के परिवार नें जितना पानी का प्रयोग किया गया है उनसे सिर्फ उतने ही पैसे की वसूली की जाए। उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि  सी-48, संजय इंक्लेव, द्वितीय तल, उत्तम नगर-59 को जो पानी का बिलजल विभाग पश्चिम बिहार, 325/ए-8 द्वारा 20 फरवरी, 2015 से 19 अक्टूबर, 2015 तक का 4686/ (पानी का बिल) रूपया का भेजा गया है। प्रार्थिनी की  आर्थिक परिस्थिति ऐसी नहीं है कि वो जल विभाग द्वारा आठ महीने का भारी भरकम बिल ब्याज सहित भर सकें।

इस पत्र में द्विवेदी नें लापरवाह और भ्रष्ट दिल्ली जल बोर्ड के कर्मचारियों के लिए ये माँग की है कि  जल विभाग को कठोर निर्देश दिया जाये कि वो अपने पानी के बिल हर महीने सही समय पर भेजे। पत्र में दोषी जल विभाग के कर्मचारी जिन्होंने आठ महीनें तक उपरोक्त महिला  को कोई बिल को भेजा ही नहीं उनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही की मांग की है  ताकि भविष्य में कोई कर्मचारी इस तरह की गलती करनें की दुःसाहस न करें।

अंत में रविन्‍द्र द्विवेदी नें  यह भी कहा कि भविष्य में दिल्ली जल विभाग यदि इस तरह पानी का बिल इतने महीनों बाद भेजेगा तो वो अपनी गलती के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा न कि दिल्ली का नागरिक।

न्‍युज लिंक :

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Saturday, July 25, 2015

मोदी के स्‍वच्‍छता अभियान में आवारा कुत्‍ते बाधक

राजीव कुमार


मोदी के स्‍वच्‍छता अभियान को कौन जमींदोज कर रहा है क्‍या आपको पता है। इस स्‍वच्‍छता अभियान को जमींदोज आवारा कुत्‍ते, बंदर और कुत्ते पालने वाले लोग कर रहे हैं। देश में इन आवारा कुत्‍तों पर लगाम लगाने वाला कोई नही है। जब कोई राहगी किसी परिस्थितिवश देर रात अपने गंतव्‍य पर पैदल जाता रहता है तो उसके  गंतव्‍य पर जाने में ये बड़े बाधक ये आवारा कुत्‍ते होते हैं। ये आवारा कुत्‍ते उस पथिक को काटने से नही चूकते। देश में कई बच्चियों की हृयय विदारक मौत इन आवारा कुत्‍तों के काटने से हुई है। ज्‍यादातर इन आवारा कुत्‍तों के शिकार वृद्ध और बच्‍चे होते है। 

इतना ही नही देश हो या राजधानी जहां-तहां ये आवारा कुत्‍ते गलियों और सड़कों पर गंदगी मचाये रखे हैं फिर भी कोई इन आवारा कुत्‍तों की जनसंख्‍या पर लगाम लगाने वाला नही है। नगर पालिका  हो या नगर निगम इनके कान पर जूं तक नही रेंगता। निगमों के ये अधिकारी अपने कर्तव्‍य का ठीक से पालन तक नही करते। अपने राजधानी दिल्‍ली का ही हाल देखिये जहां-जहां अवैध निर्माण होते हैं वहां निगम के अधिकारियों की पूरी रजामंदी होती है बिना इनकी धन से पूजा किये कोई अवैध निर्माण नही कर सकता लेकिन जहां सामाजिक हित की बात होती है वे उस पर हाथ पर हाथ रख के बैठे रहते हैं। राजधानी में सफाई कर्मचारी सिर्फ प्रमुख सड़कों पर ही सफाई करते हैं छोटी गलियों में तो वे देखते ही नही, कभी-कभी भूले-विसरे झाड़ू लगा दी तो बड़ा एहसान। दुष्परिणाम यह होता है कि कुत्‍तों की गंदगी जहां-तहां फैली रहती है।  दिल्‍ली के उत्‍तम नगर के संजय इंक्‍लेव का ही उदाहरण लेते है यहां तो गंदगी  का राज है। यहां के सफाईकर्मी छोटी गलियों में जल्‍दी झाड़ू लगाते ही नही हैं। यहां के वीआईपी लोग हैं उनके कुत्‍ते रखने के शौक ने और गंद मचा रखा है। इन कुत्‍ते वाले साहबों के घर का अगवाड़ा साफ रहना चाहिये इन कुत्‍तों को जब पोट्टी करवाना होता है तो पड़ोस के किसी छोटी गली में आकर गंद मचवाके  चले जाते हैं क्‍योंकि सफाईकर्मी  इन गलियों को साफ नही करते अगर कोई इन कुत्‍ते पालने वाले सा‍हबजादों को टोका तो ये तपाक से कहते हैं कि यहां न पोट्टी करायें तो क्‍या आसमान में करायें, ये गली पहले से ही गंदी है।  

एनजीओ सोसायटी फॉर पब्लिक कॉज ने दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय में याचिका दायर कर यह मांग की है कि आवारा कुत्‍ते और बंदरों पर लगाम लगाया जाना चाहिये। दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 की धारा 399 के तहत आवारा कुत्तों पर नियंत्रण व नियमन के लिए नगर निगम जिम्मेदार है। सड़क पर आवारा कुत्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए स्वच्छ भारत अभियान में बाधा है। कुत्तों के काटने पर पर्यावरण व वन मंत्रालय पीड़ित या मरने वाले के आश्रितों को समुचित रूप से मुआवजा प्रदान करने के लिए बाध्य है। इसलिये ये आवश्‍यक है कि सभी पालतू कुत्तों का पंजीकरण करना अनिवार्य किया जाए और उनपर कॉलर बैंड और टैग लगाना भी अनिवार्य हो। यदि कोई कुत्ता बिना टैग के पकड़ा जाता है तो उसे जब्त कर उसके मालिका पर जुर्माने का प्रावधान किया जाए। उपरोक्‍त एनजीओ की मांग की जितनी तारीफ की जाये कम है। 

वैसे देखा जाये तो अमेरिका आदि देश में जब कोई कुत्‍ते को बाहर घुमाने निकलता है तो साथ में पोलथीन और बोतल का पानी भी  लेकर निकलता है। यदि  कुत्‍ते ने कहीं पोट्टी कर दी  तो  उसे तुरंत साफ करके वहां पानी डालना पड़ता है। जबकि भारत में कुत्‍ते की  पोट्टी कराने वाले  साहबजादों को कोई टोकने की हिमाकत करता है तो वो लड़ जाते हैं।

इसलिये अब समय की मांग है कि इन आवारा कुत्‍तों पर लगाम लगाया जाय व कुत्‍तों को शौकिया पालने वाले लोग जो सर्वत्र गंदगी फैलाये हैं ऐसों  की जमकर खबर ली जाये। इस संदर्भ में नगर कर्मचारी के अधिकारी लापरवाही करें तो उन्‍हें भी बख्‍शा नही जाना चाहिये। दिल्‍ली के हर गली में हर रोज झाड़ू लगनी चाहिये। वीआईपी लोगों द्वारा कुत्‍तों द्वारा  जहां-तहां पोट्टी कराने पर कड़ी फाइन लगना चाहिये। सरकार को इस तरह गंदगी करवाने वाले लोगों के लिये कड़े प्रावधान तैयार करना चाहिये जिससे देश में चल रहे मोदी जी के सफाई अभियान को एक मुकाम तक पहुंचाया जा सके।


मोदी के स्‍वच्‍छता अभियान में आवारा कुत्‍ते बाधक


http://www.vijayvani.in/blog/2015/07/25/%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%B5%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E2%80%8D%E0%A4%9B%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%85%E0%A4%AD%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE/

आवारा कुत्‍तों के आतंक को नीचे दिये लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं:


आवारा कुत्‍तों ने 10 वकीलों को काट खाया
आवारा कुत्तों ने बच्ची को काट खाया

आवारा कुत्तों ने कई लोगों को काट खाया


http://www.bhaskar.com/news/HAR-OTH-MAT-latest-hansi-news-023002-1298233-NOR.html

खन्ना में पागल कुत्तों का आतंक, 18 लोगों को काट खाया




कुत्तों ने 15 और लोगों को काट खाया



पागल कुत्ते ने काट खाया राहगीर




पागल कुत्ते ने काट खाया बच्चों को



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Tuesday, June 16, 2015

गोडसे फिल्म पर एकतरफा प्रतिबंध पूर्णतया गलत

राजीव कुमार


            फिल्म निर्माता-निर्देशक व अखिल भारत हिन्दू महासभा के कद्दावर नेता डॉ0 संतोष राय ने कहा है कि गोडसे फिल्म पर अदालत द्वारा एकतरफा प्रतिबंध लगाना पूर्णतया गलत  है अदालत को बिना दूसरे पक्ष का निर्णय सुने बिन अपना निर्णय नही सुनाना चाहिये था।
            डॉ0 संतोष राय ने धमकी दी है कि गोडसे फिल्म को भारत में प्रदर्शित करने के लिये और ऊपर का अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे साथ में इस फिल्म को भारत में प्रदर्शित करने के लिये किसी भी हद तक जायेंगे अगर फिर भी बात नही बनी तो सात समुंदर पार विदेश में ‘‘गोडसे’’ फिल्म को प्रदर्शित करने से किसी भी कीमत पर पीछे नही हटेंगे।
            न्यायालय के इस तरह के एकतरफा निर्णय से सोशल मीडिया में न्यायालय के प्रति लोग अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। सोशल मीडिया में लोग इसे न्यायिक भ्रष्टाचार कह रहे हैं।
ज्ञात रहे कि गत बृहष्पतिवार को पुणे की एक अदालत ने नाथूराम गोडसे फिल्म के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया यह फिल्म 30 जनवरी, 2015 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होनी थी जो कि नही हो सकी। याचिकाकर्ता के मुताबिक इस फिल्म के प्रदर्शन से सांप्रदायिकता फैलेगी।
डॉ0 राय ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि जब भीष्म साहनी ने देश विभाजन की भीषण विभीषिका पर  ‘‘तमस’’ नामक डोकुमेंटरी बनाई थी तब तथाकथित छद्म धर्मनिरपेक्षवादीगण अदालत जाकर उस पर प्रतिबंध लगाने की  मांग की थी, तब उच्चतम न्यायालयक का एक ऐतिहासिक आदेश आया था और उसमें एक ऐतिहासिक टिप्पणी थी---
"History Can not Be Censored."
 ‘‘इतिहास को प्रतिबंधित नही किया जा सकता।’’

डॉ0 संतोष राय ने गोडसे फिल्म के प्रदर्शन पर रोक से रोष प्रकट करते हुये कहा कि नाथूराम गोडसे यदि गलत थे तो अदालत में दिये गये उनके बयान को इतने दिनों तक नेहरू ने क्यों प्रतिबंधित करा रखा था। उनके बयान को निकलवाने के लिये हिन्दू महासभा को क्यों अदालत का रास्ता चुनना पड़ा।
डॉ0 संतोष राय ने आगे कहा कि आज की युवा पीढ़ी जान गई है कि भारत का बंटवारा क्यों और किसने किया ? फिर भी यदि धर्म के आधार पर देश को जब बांटा गया फिर भी मुसलमानों को देश में किसने रोकवाया। गोडसे एक महान् राष्ट्रभक्त थे इसे नकारा नही जा सकता। याद रहे कि सूर्य के सामने बादल आने से सूर्य का अस्तित्व नही समाप्त होता, हां मूर्ख लोग अवश्य कहते हैं कि सूर्य का अस्तित्व नही है।

 ‘‘गोडसे’’ फिल्म देश में ही नही बल्कि पूरे विश्व में प्रदर्शित होगी उस पर कोई भी प्रतिबंध लगाना इतिहास की सच्चाइयों को नकारना है। आज की युवा पीढ़ी में इस तरह के प्रतिबंध से उसके रक्त में और उबाल आयेगा जो कि तथाकथित छद्म मुखौटा लगाये ढोंगी, गद्दार सेकुलरों के लिये बहुत मंहगा पड़ेगा।