Sunday, November 23, 2014

स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत में सीएसआर (कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) की अहम् भूमिका

राजीव कुमार

स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत में सीएसआर (कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) की अहम् भूमिका है। उपरोक्त बातें अल्पसंख्यक आयोग, संसदीय मामले के केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सीएसआर रिसर्च फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘‘सतत् विकास के लिये सीएसआर- एक उपकरण‘‘ के उद्घाटन समारोह में 22 नवंबर, 2014 को होटल ली मीरीडियन, जनपथ, नई दिल्ली में कही। 


राज्यमंत्री नकवी ने मोदी जी की प्रशंसा करते हुये कहा कि वे स्पष्ट रूप से कह चुके हैं ना खाउंगा और न खाने दूंगा, ना सोउंगा और ना सोने दूंगा। उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि अब तो मंत्रियों के दिन का चैन और रात की नींद उड़ गई है। जो मंत्री काम करके नही दिखायेगा उसे हटाया भी जा सकता है।

आगे नकवी जी ने सीएसआर गतिविधियों के अंतर्गत औद्योगिक घरानों, सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं से अपील की कि वह दूर दराज के इलाकों में सबसे नीचे पायदान पर जीवन बसर करने वाले लोगों की मदद करें क्योंकि उनके विकास की मुख्यधारा में शामिल होने से देश की जनता का विकास का पैमाना बढ़ जायेगा।

वहीं समापन सत्र के मुख्य अतिथि व ग्रामीण विकास मंत्री चैधरी श्री वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मनरेगा के तहत सामाजिक कार्य आसानी से किये जा सकते हैं। हरियाणा और पंजाब राज्य पर मनरेगा की राशि का पूरा उपयोग नहीं करने पर उन्होंने रोष व्यक्त किया और कहा कि कई राज्यों में मनरेगा के तहत मजदूरी दर इतनी कम रखी है कि बेरोजगार युवा उसके तहत काम करने से इंकार कर रहे हैं।

आगे केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने चक दे इण्डिया चलचित्र का उदाहरण देते हुये कहा कि एक चलचित्र ने न केवल हाकी बल्कि संपूर्ण खेल जगत में तहलका मचा दिया था। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ कारपोरेट जगत की कंपनियों ने कबड्डी जैसे हासिये पर गये खेल को बहुत ही लोकप्रिय बना दिया। इसी तरह हमारा कारपोरेट जगत युवाओं को अन्य खेलों के प्रति प्रोत्साहित करेगा तो न केवल उनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी बल्कि कारपोरेट जगत भी अपने सामाजिय दायित्व को निभाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा पायेगा।

केन्द्रीय ग्रामीण मंत्री ने आगे कहा कि भारत के अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि व कुटीर उद्योग है। कंपनियों की यह प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वह कृषि व ग्रामीण विकास के द्वारा भारत के विकास में गति प्रदान करें और मैं समझता हूं कि भारत सरकार के द्वारा जो एक नई जिम्मेदारी सीएसआर के माध्यम से दी गई है वह एक ऊर्जा के रूप में काम करेगी और ग्रामीण विकास के साथ औद्योगिक विकास भी होगा। माननीय मंत्री ने आगे कहा कि सीएसआर आर्थिक विकास की मुख्यधारा की एक गतिविधि भी है जिसमें सामाजिक और पर्यावरण विषयों को कंपनी के बुनियादी मूल्यों में जोड़ा जाना चाहिये।

सम्मानित अतिथि व पूर्व राज्यसभा महासचिव डा0 योगेन्द्र नारायण ने कहा कि कंपनियों को चाहिये कि अपने व्यापार को इस तरीके से संचालन करें कि निरंतरता के माध्यम से सतत् विकास को बढ़ावा दें जो व्यवशाय, देश के पर्यावरण व समाज के सभी वर्गों के लिये लाभदायक हो। 

इस अवसर पर सीएसआर फाउण्डेशन के चेयरमैन सीए दीनदयाल अग्रवाल ने कहा कि सीएसआर समय की आवश्यकता है। वर्तमान परिदृश्य में सीएसआर न केवल एक माध्यम है बल्कि समाज के लिये इसकी आवश्यकता है। सीएसआर अधिनियम द्वारा उपलब्ध धनराशि जो कि वर्तमान में लगभग 15000/करोड़ है वंचित समाज के उत्थान के लिये मील का पत्थर साबित होगी।

इस कार्यक्रम के शुभ अवसर पर बड़-बड़े औद्योगिक घरानों की हस्तियां, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनैतिक कार्यकर्ता, एनजीओ के लोग मौजूद थे।  इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं ने लोगों को संबोधित कर अपने विचारों से अवगत कराया उनके नाम निम्न हैंः  रिलायंस पावर के रामास्वामी कालिदास, फिक्की के सी0 एस0 आर0 प्रमुख डॉ0 के0 के0 उपाध्याय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व सचिव के0 एन0 श्रीवास्तव, वीर चक्र विजेता कर्नल टी0 पी0 त्यागी, दिल्ली मेट्रो के एचआर प्रमुख एस0 के0 सिन्हा, रिसर्च एसोसिएट की श्रीमती निधि मधुरा, आईआईसीए के कानूनी सलाहकार डॉ जे0 एस0 कुमार, सुलभ इण्टरनेशनल के एस0 चटर्जी आदि। 
                            

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