Tuesday, December 29, 2009

मुस्लिम लॉ बोर्ड के प्रस्ताव दकियानूसी विचारों का पुलिंदा


मुस्लिम लॉ बोर्ड के प्रस्ताव पर घोर आपित्त है-द्विवेदी
अखिल भारत हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की लखनउ बैठक में पारित प्रस्ताव को मुस्लिम समाज के दकियानूसी विचारों का पुलिन्दा बताया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के एक मामले में न्यायालय द्वारा एक मुस्लिम महिला को उसके शौहर से गुजारा भत्ता दिलाना मुस्लिम महिला की बुनियादी और मानवीय आवश्यकता है।

लेकिन मुस्लिम लॉ बोर्ड का प्रस्ताव मुस्लिम महिलाओं को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित करने का संदेश दे रहा है द्विवेदी का आगे कहना था कि मुस्लिम समाज को आरक्षण की जगह एक दकियानूसी विचारों से मुक्त कराने की आवश्यकता है ताकि उनका पूरा विकास हो सके। और यह तभी संभव है जब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसे देश में दोहरे कानून (राष्टीय कानून और शरीयत) की वकालत करने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगेगा और मुस्लिम समाज को आधुनिक समाज से जोड़ा जा सकेगा।

आगे द्विवेदी का कहना था कि देश पिछले 62 सालों से दोहरे कानून के नाम पर दोनों संप्रदाय नफरत की आग में झुलस रहा है। इस आग को दोनों संप्रदायों को एक राष्टीय य कानून के नीचे लाये बिना नही बुझाया जा सकता।

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