Tuesday, December 29, 2009

नव वर्ष को काला दिवस देशवासी मनाएं

अखिल भारत हिन्दू महासभा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी और राम आधार फाउंडेशन की कोषाध्यक्ष एडोवोकेट संजया शर्मा ने देशवासियों से अपील की है कि वे अंतराष्टीय नव वर्ष 1 जनवरी 2010 को काला दिवस मनाएं। आगे उन्होंने कहा कि आज से साठ साल पूर्व 1 जनवरी 1949 को भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध विराम के बाद से जम्मू और लद्दाख का एक बहुत बड़ा भाग आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है, जिसे गुलाम कश्मीर के नाम से जाना जाता है। गुलाम कश्मीर के लोग आज भी पाकिस्तान के सिर्फ गुलाम बनकर जीते हैं।

दोनों नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में देश के लोगों का आह्वान किया कि नए वर्ष में खुशियां न मनाए बल्कि इस दिवस को काला दिवस के रूप में मनाए क्योंकि यह देश के लिए शर्म की बात है कि भारत का भू-भाग देश के बड़े नेताओं ने कैसे गंवा दिया और हम अज्ञानतावश इन नेताओं को कैसे पूजते हैं। दोनों नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि सन् 1948 में संयुक्त राष्ट संघ के सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान से गुलाम कश्मीर के इलाके खाली कराने का प्रस्ताव पारित किया था, मगर दुष्ट देश पाकिस्तान ने आज तक इसे अंगीकार नही किया। पाकिस्तान के इस घिनौनी करतूत के लिए विश्व स्तर पर विरोध और सन् 1948 में सुरक्षा परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव को सम्मान न देते हुए इलाके को अपने कब्जे में रखने के कारण वैश्विक विरोध होना चाहिए।

द्विवेदी व संजया वर्मा ने कहा कि गुलाम कश्मीर का भारत में विलय होने तक देश वासियों को अंतर्राष्टीय नव वर्ष को काला दिवस के रूप में मनाना चाहिए। इस तरह से करने पर पाकिस्तान के इस काली करतूत पर पूरे विश्व का ध्यान केन्द्रित होगा और गुलाम कश्मीर को भारत में विलय करने का उस पर दबाव पड़ेगा। 1 जनवरी 2010 को हिन्दू महासभा दिल्ली प्रदेश और श्री राम आधार फाउंडेशन काला दिवस के रूप में मनाते हुए गुलाम कश्मीर को भारत में विलय करने के लिए पूरे देश में आंदोलन चलाएगी जिससे भारत को अखंड राज्य बनाया जा सके। क्योंकि गुलाम कश्मीर भारत के लिए कूटनीतिक रूप से बहुत जरूरी है।

1 comment:

RAJNISH PARIHAR said...

वैश्विक विरोध होना चाहिए।